रांची : आदिवासी समाज के लोगों ने सोमवार को दलमा पहाड़ पर सेंदरा पर्व मनाया। इससे पहले रविवार को सेंदरा वीरों ने दलमा राजा राकेश हेंब्रम के नेतृत्व में दलमा देवी की पूजा-अर्चना की। इस दौरान सुबह और शाम वन देवी का आह्वान किया और बलि देकर सेंदरा की अनुमति मांगी। इसके बाद 3000 से अधिक आदिवासी समुदाय के लोग हरवे हथियार के साथ दलमा जंगल चले गये। इधर, सेंदरा पर्व को देखते हुए वन विभाग ने दलमा जंगल की चौकसी बढ़ा दी है। वन विभाग का दावा है कि उन्होंने कई सेंदरा वीरों को वापस लौटा दिया है।
दलमा विशु पर्व को देखते हुए डीएफओ, वन रक्षी पदाधिकारियों तथा वनपाल की टीमों का गठन किया गया है। सेंदरा वीरों को रोकने के लिए 11 स्थानों पर चेकनाका बनाये गये हैं। वहीं, वन विभाग ने दलमा के चारों ओर मुख्य मार्ग पर 20 स्थानों पर बैरिकेड लगाये हैं। इसके बाद भी सेंदरा वीर जंगल में प्रवेश कर गये हैं। हर साल सेंदरा वीरों को रोकने के लिए वन विभाग कवायद करता है इसके बाद भी आदिवासी समुदाय के लोग जंगल में घुसकर जानवरों का शिकार करते हैं।
विशु शिकार को लेकर दलमा रेंज के डीएफओ अभिषेक कुमार सिंह, रेंज ऑफिसर दिनेश रंजन, मानगो रेंज ऑफिसर दिग्विजय सिंह और अन्य अधिकारियों ने पारडीह काली मंदिर के पास बने चेकनाका के पास वन प्रहरियों के साथ बैठक की और उन्हें दिशा-निर्देश दिया। अधिकारियों ने उन्हें बताया कि सेंदरा पर्व मनाने निकले आदिवासी समुदाय के लोगों के साथ किस तरह का व्यवहार करना है और उन्हें कैसे समझाना है।