रांची : एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच के राज्य संयोजक सुधीर पाल ने इलेक्टोरल बॉन्ड को असंवैधानिक बताने के फैसले की सराहना की है।
उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र को लेवल प्लेइंग ग्राउंड बनाने की दिशा में सराहनीय फैसला है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब लोगों को समझ में आयेगा कि किस कंपनी ने किस राजनीतिक दल को कितना चंदा दिया है और बदले में उसे सरकार से क्या फायदा मिला है।
उन्होंने कहा कि इलेक्टोरल बांड से चुनावी चंदा लेने की प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव था। इस व्यवस्था में इलेक्टोरल बांड खरीदनेवाला कौन है यह गुप्त रहता था।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का देशव्यापी असर होगा।
हालांकि झारखंड की राजनीति में इसका कोई खास असर नहीं पड़ेगा क्योंकि इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिये अधिकतर चंदा राष्ट्रीय पार्टियों यथा भाजपा, कांग्रेस, टीएमसी और आम आदमी पार्टी को मिला है।
उन्होंने कहा कि इससे केंद्र सरकार पर नैतिक दबाव भी बनेगा। क्योंकि दानदाताओं के नाम उजागर होंगे।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर गुरुवार को अपना फैसला सुनाया।
शीर्ष अदालत ने चुनावी बॉन्ड योजना की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा, “काले धन पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से सूचना के अधिकार का उल्लंघन उचित नहीं है।
चुनावी बॉन्ड योजना सूचना के अधिकार और अभिव्यक्ति की आजादी का उल्लंघन है। राजनीतिक दलों के द्वारा फंडिंग की जानकारी उजागर न करना उद्देश्य के विपरीत है।”
इसे भी पढ़ें