नई दिल्ली,एजेंसियां। विदेश में बसने की चाहत एक हरियाणा के युवक को भारी पड़ी। अवैध इमिग्रेशन का शिकार हुए इस युवक ने एजेंट को ₹25 लाख दिए, लेकिन धोखाधड़ी और फर्जी दस्तावेजों के कारण उसकी मंजिल अधूरी रह गई।
पनामा में गिरफ्तार होने के बाद उसे वापस भारत भेजा गया। पुलिस ने मामले में मास्टरमाइंड एजेंट को गिरफ्तार कर लिया है।
विदेश जाने की चाहत ने फंसाया
गुरविंदर सिंह, कुरुक्षेत्र (हरियाणा) का रहने वाला युवक, अमेरिका जाने की ख्वाहिश में अवतार सिंह नामक एजेंट के संपर्क में आया। अवतार सिंह ने गुरविंदर से ₹25 लाख लेकर उसे वीजा और दस्तावेज उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया।
गुरविंदर को कतर और फ्रांस के रास्ते स्पेन भेजा गया। हालांकि, स्पेन में पासपोर्ट खो जाने के बाद उसे एक फर्जी पासपोर्ट की व्यवस्था की गई। इस पासपोर्ट पर उसने ब्राजील और कंबोडिया की यात्रा की।
पनामा में गिरफ्तार
कंबोडिया के बाद गुरविंदर पनामा पहुंचा, जहां स्थानीय पुलिस ने उसके फर्जी पासपोर्ट की पहचान कर ली। उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया और बाद में भारत वापस भेज दिया गया।
मास्टरमाइंड गिरफ्तार
दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने गुरविंदर के बयान के आधार पर अवतार सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। डीसीपी उषा रंगनानी के मुताबिक, एसएचओ सुनील गोयल के नेतृत्व में पुलिस टीम ने कुरुक्षेत्र (हरियाणा) के इस्माइलाबाद से अवतार सिंह को गिरफ्तार किया।
कैसे काम करता था रैकेट?
अवतार सिंह ने पूछताछ में खुलासा किया कि वह अन्य एजेंटों के साथ मिलकर लोगों को विदेश भेजने और नौकरी दिलाने के नाम पर ठगता था। उसने गुरविंदर को भरोसा दिलाया था कि वह उसे सुरक्षित पनामा तक पहुंचा देगा।
आगे की जांच जारी
पुलिस अब इस रैकेट में शामिल अन्य एजेंटों और अवतार सिंह के बैंक खातों की जांच कर रही है। डीसीपी ने बताया कि यह मामला अवैध इमिग्रेशन और फर्जी दस्तावेजों से जुड़ी बड़ी साजिश की ओर इशारा करता है।
इसे भी पढ़ें
इलाहाबाद बैंक धोखाधड़ी मामले में 7 लोगों को सजा, बैंककर्मी भी दोषी