देवघर। हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का बेहद खास महत्व होता है। यह महीने के सबसे उत्तम एवम् शुभ दिन माना जाता है। पूर्णिमा में कोई भी नए कार्य का शुभारंभ कर सकते हैं। वहीं मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि इस साल का अंतिम पूर्णिमा है। इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा आराधना करने से साथ ही चंद्रमाँ को अर्घ प्रदान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। तो आईये देवघर के ज्योतिषाचार्य से जानते है की कब है पूर्णिमा और इस दिन क्या शुभयोग बन रहा है?
कब से शुरु हो रहा है पूर्णिमा तिथि ?
ज्योतिषाचार्य बताते है की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 14 दिसंबर शाम 05 बजकर 13 मिनट से हो रहा है और समापन अगले दिन यानी 15 दिसंबर दोपहर 02 बजकर 35 मिनट मे हो रहा है। उदयातिथि के अनुसार पूर्णिमा का व्रत 15 दिसंबर को रखा जाएगा।
ज्योतिषाचार्य बताते है की पूर्णिमा के दिन बेहद शुभ संयोग का निर्माण हो रहा है। इस दिन मृगसिरा नक्षत्र के साथ त्रिपुर सुंदरी जयंती भी है। इसके साथ ही शुभ और शुक्ल योग का भी निर्माण हो रहा है। ये दोनों अत्यंत शुभ योग माने जाते है।
अंतिम पूर्णिमा मे करे यह उपाय?
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि अंत भला तो सब भला यानी अंतिम पूर्णिमा में अगर कुछ उपाय कर लेते हैं, तो नए साल की शुरुआत बेहद शुभ रहेगा। उस दिन सत्यनारायण कथा अवश्य सुननी चाहिए। साथ ही ॐ श्रा श्री श्रॉ स: चंद्राय नमः मन्त्र का जाप करते हुए चन्द्रमा को अर्घ प्रदान करे सारे समस्या हो जायेगी समाप्त।
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