रांची। रांची के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने झारखंड हाइकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक स्पेशल लीव पिटीशन (एसएलपी) दायर की है।
उन्होंने याचिका में हाइकोर्ट के आदेश को निरस्त करने की मांग की है। हालांकि, उनकी याचिका फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं हुई है।
झारखंड हाइकोर्ट का आदेश
झारखंड हाइकोर्ट ने 23 सितंबर 2024 को देवघर के तत्कालीन उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री के मामले में भारत निर्वाचन आयोग की दायर अपील याचिका को स्वीकार करते हुए एकल पीठ के आदेश को निरस्त कर दिया था।
एकल पीठ ने इस मामले को डब्ल्यूपीसी के रूप में सुनवाई योग्य मानते हुए इसे सक्षम बेंच में ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। चुनाव आयोग ने इस आदेश को चुनौती दी थी और कहा था कि इस मामले की सुनवाई सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) में होनी चाहिए।
निर्वाचन आयोग का आदेश
चुनाव आयोग ने 6 दिसंबर 2021 को राज्य के मुख्य सचिव को पत्र भेजकर देवघर के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री को हटाने और चुनाव कार्य से उन्हें बाहर रखने का आदेश दिया था। इसके अलावा, गोड्डा के सांसद डॉ. निशिकांत दुबे के खिलाफ एक दिन में पांच थानों में केस दर्ज करने के मामले की शिकायत को सही पाया था।
आयोग ने मंजूनाथ से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर मुख्य सचिव को उनके खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। मंजूनाथ ने इस आदेश के खिलाफ हाइकोर्ट में रिट याचिका दायर की थी, जिसे अब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।
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