रांची। आस्था का महापर्व छठ आज यानि 5 november को नहाय खाय से शुरू हो गया है। चार दिनों तक चलने वाले छठ महापर्व की शुरुआत कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से होती है। पहले दिन नहाय खाय होता है।
छठ महापर्व में इस दिन का खास महत्व और मान्यता है। इस दिन व्रती शुद्ध होकर व्रत की शुरूआत करती है। नहाय खाय के दिन ही छठ में चढ़ने वाला खास प्रसाद (ठेकुआ) के लिए गेंहू को धोकर सुखाया जाता है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा को छठ पूजा करने की सलाह दी थी। तभी से महिलाएं यह व्रत कर रही हैं। इस दिन व्रती मिट्टी या लकड़ी के चुल्हे में खाना बनाती है। नहाय खाय के दिन लौकी की सब्जी बनती है।
खाना लौकी खाने के पीछे की है विशेष मान्यता
ऐसी मान्यता है कि लौकी काफी पवित्र होता है। इसमें पर्याप्त मात्रा में जल भी होता है। लौकी में करीब 96 फीसदी पानी होता है। इसलिए नहाय खाय में लौकी की सब्जी बनायी जाती है। चने की दाल खाने का भी विशेष महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि चने की दाल बाकी दालों में सबसे अधिक शुद्ध होती है।
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