दिनांक – 05 नवम्बर 2024
दिन – मंगलवार
विक्रम संवत – 2081
शक संवत -1946
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – हेमंत ॠतु
मास – कार्तिक
पक्ष – शुक्ल
तिथि – चतुर्थी रात्रि 12:16 तक तत्पश्चात पंचमी
नक्षत्र – ज्येष्ठा सुबह 09:45 तक तत्पश्चात मूल
योग – अतिगण्ड सुबह 11:28 तक तत्पश्चात सुकर्मा
राहुकाल – शाम 03:11 से शाम 04:36 तक
सूर्योदय 06:04
सूर्यास्त – 5:49
दिशाशूल – उत्तर दिशा में
व्रत पर्व विवरण – विनायक चतुर्थी,मंगलवारी चतुर्थी (सूर्योदय से रात्रि 12:16 तक)
विशेष – चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
06 नवम्बर 2024 बुधवार को लाभपंचमी है।
कार्तिक शुक्ल पंचमी ‘लाभपंचमी कहलाती है । इसे ‘सौभाग्य पंचमी भी कहते हैं । जैन लोग इसको ‘ज्ञान पंचमी कहते हैं । व्यापारी लोग अपने धंधे का मुहूर्त आदि लाभपंचमी को ही करते हैं।
लाभपंचमी के दिन धर्मसम्मत जो भी धंधा शुरू किया जाता है उसमें बहुत-बहुत बरकत आती है। यह सब तो ठीक है लेकिन संतों-महापुरुषों के मार्गदर्शन-अनुसार चलने का निश्चय करके भगवद्भक्ति के प्रभाव से काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार इन पाँचों विकारों के प्रभाव को खत्म करने का दिन है लाभपंचमी।
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