दिनांक – 28 अक्टूबर 2024
दिन – सोमवार
विक्रम संवत – 2081
शक संवत -1946
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – हेमंत ॠतु
मास – कार्तिक
पक्ष – कृष्ण
तिथि – एकादशी सुबह 07:50 तक तत्पश्चात द्वादशी
नक्षत्र – पूर्वाफाल्गुनी शाम 03:24 तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी
योग – ब्रह्म सुबह 06:48 तक तत्पश्चात इन्द्र
राहुकाल – सुबह 08:05 से सुबह 09:31 तक
सूर्योदय -05:50
सूर्यास्त- 05:50
दिशाशूल – पूर्व दिशा मे
व्रत पर्व विवरण – रमा एकादशी मातुश्री श्री मां महॅगीबाजी का महानिर्वाण दिवस,गोवत्स द्वादशी
विशेष – *हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।
आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l
एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।
एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।
जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।
रमा एकादशी व्रत कथा
रमा एकादशी
28 अक्टूबर, सोमवार को रमा एकादशी है।
रमा एकादशी ( यह व्रत बड़े – बड़े पापों को हरनेवाला, चिन्तामणि तथा कामधेनु के समान सब मनोरथों को पूर्ण करनेवाला है |
स्त्रोत – ऋषिप्रसाद – अक्टूबर २०१६ से
आर्थिक परेशानी या कर्जा हो तो
29 अक्टूबर 2024 मंगलवार को भौम प्रदोष योग है ।
किसी को आर्थिक परेशानी या कर्जा हो तो भौम प्रदोष योग हो, उस दिन शाम को सूर्य अस्त के समय घर के आसपास कोई शिवजी का मंदिर हो तो जाए और ५ बत्ती वाला दीपक जलाये और थोड़ी देर जप करें :
ये मंत्र बोले :–
ॐ भौमाय नमः
ॐ मंगलाय नमः
ॐ भुजाय नमः
ॐ रुन्ह्र्ताय नमः
ॐ भूमिपुत्राय नमः
ॐ अंगारकाय नमः
और हर मंगलवार को ये मंगल की स्तुति करें:-
धरणी गर्भ संभूतं विद्युत् कांति समप्रभम |
कुमारं शक्ति हस्तं तं मंगलम प्रणमाम्यहम ||
कर्ज-निवारक कुंजी भौम प्रदोष व्रत
त्रयोदशी को मंगलवार उसे भौम प्रदोष कहते हैं ….इस दिन नमक, मिर्च नहीं खाना चाहिये, इससे जल्दी फायदा होता है | मंगलदेव ऋणहर्ता देव हैं।
इस दिन संध्या के समय यदि भगवान भोलेनाथ का पूजन करें तो भोलेनाथ की, गुरु की कृपा से हम जल्दी ही कर्ज से मुक्त हो सकते हैं। इस दैवी सहायता के साथ थोड़ा स्वयं भी पुरुषार्थ करें। पूजा करते समय यह मंत्र बोलें –
मृत्युंजयमहादेव त्राहिमां शरणागतम्। जन्ममृत्युजराव्याधिपीड़ितः कर्मबन्धनः।।
काली चौदसः नारकीय यातनाओं से रक्षा
30 अक्टूबर 2024 बुधवार को नरक चतुर्दशी, काली चौदस गुजरात), नरक चतुर्दशी (रात्रि में मंत्रजप से मंत्रसिद्धि), 31 अक्टूबर, गुरुवार को नरक चतुर्दशी (तैलाभ्यंग स्नान) ।
नरक चतुर्दशी (काली चौदस) के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर तेल-मालिश (तैलाभ्यंग) करके स्नान करने का विधान है। ‘सनत्कुमार संहिता’ एवं ‘धर्मसिंधु’ ग्रंथ के अनुसार इससे नारकीय यातनाओं से रक्षा होती है।
काली चौदस और दीपावली की रात जप-तप के लिए बहुत उत्तम मुहूर्त माना गया है। नरक चतुर्दशी की रात्रि में मंत्रजप करने से मंत्र सिद्ध होता है।
इस रात्रि में सरसों के तेल अथवा घी के दिये से काजल बनाना चाहिए। इस काजल को आँखों मेंआँजने से किसी की बुरी नजर नहीं लगती तथा आँखों का तेज बढ़ता है।
क्या करें क्या न करें पुस्तक से
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