नई दिल्ली, एजेंसियां। अब हर कोई पेमेंट करने के लिए तुरंत मोबाइल फोन निकालता है और UPI के जरिए डिजिटल पेमेंट करता है।
इस समय देश में इस तरह के डिजिटल पेमेंट का चलन काफी जोर शोर से चल रहा है। अब UPI कम समय में ज्यादा से ज्यादा लोगों द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला टूल बन गया है।
हाल ही में RBI ने UPI लाइट के नाम से डिजिटल पेमेंट को बढ़ाने के लिए बदलाव किए हैं। लेकिन RBI ने बैंकों पर रोजाना पेमेंट करने पर पाबंदियां लगा दी हैं।
एचडीएफसी बैंक (HDFC BANK)-
HDFC बैंक में एक दिन में अधिकतम 1 लाख रुपये तक UPI ट्रांजेक्शन किए जा सकते हैं। 24 घंटे में अधिकतम 20 ट्रांजेक्शन की अनुमति दी जाती है।
एसबीआई (SBI)-
भारतीय स्टेट बैंक ने रोजाना पेमेंट की सीमा 1,00,000 रुपये तय की है। एसबीआई की तरह ही यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, यस बैंक, डीसीबी बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और इंडसइंड बैंक भी इसी सीमा का पालन कर रहे हैं।
आईसीआईसीआई बैंक (ICICI BANK)-
इस बैंक में अधिकतम ट्रांजेक्शन की सीमा 1,00,000 रुपये तय की गई है। सभी ट्रांजेक्शन मिलाकर 1 लाख रुपये तक की अनुमति दी गई है। यह बैंक 24 घंटे में अधिकतम 10 ट्रांजेक्शन की अनुमति देता है।
केनरा बैंक-
केनरा बैंक ने यूपीआई के जरिए व्यक्तिगत ट्रांजेक्शन पर 1 लाख रुपये की सीमा लगाई है। एक दिन में अधिकतम 20 ट्रांजेक्शन किए जा सकते हैं।
बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB)-
बैंक ऑफ बड़ौदा ने रोजाना 1,00,000 रुपये की भुगतान सीमा तय की है। बैंक ऑफ बड़ौदा ने इसके लिए अधिकतम 20 ट्रांजेक्शन का मौका दिया है।
एक्सिस बैंक-
एक्सिस बैंक ने डेबिट फंड पेमेंट या व्यक्तिगत भुगतान पर रोजाना 1 लाख रुपये की सीमा तय की है।
कोटक महिंद्रा बैंक (कोटक महिंद्रा)-
इस बैंक में अधिकतम 1 लाख रुपये ट्रांसफर किए जा सकेंगे। एक दिन में 10 ट्रांजेक्शन किए जाने चाहिए।
अगर आप क्यूआर कोड अपलोड करके पैसे का भुगतान करना चाहते हैं तो यह 2,000 रुपये तक की ही अनुमति देता है।
इन ट्रांजेक्शन पर बढ़ोतरी
हाल ही में आरबीआई ने यूपीआई के जरिए किए जाने वाले ट्रांजेक्शन पर टैक्स भुगतान की सीमा बढ़ा दी है। यह रकम 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का ऐलान किया गया है।
इसके जरिए प्रॉपर्टी टैक्स, एडवांस टैक्स और व्यक्तिगत आयकरदाता एक ही ट्रांजैक्शन में 5 लाख रुपए तक का भुगतान कर सकते हैं।
वहीं कैपिटल मार्केट, इंश्योरेंस, पारिन इनवर्ड रेमिटेंस 2 लाख रुपए तक, आईपीओ, रिटेल डायरेक्ट स्कीम के लिए 5 लाख रुपए तक का भुगतान किया जा सकता है। लेकिन पर्सन-टू-पर्सन यूपीआई ट्रांजैक्शन सिर्फ 1 लाख रुपए तक की अनुमति है।
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