गिरिडीह। बीएन साहा डीएवी शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेज सिरसिया के नाम पर कॉलेज संचालन नहीं होने संबंधी उपायुक्त को आवेदन सौंपकर कार्रवाई करने की मांग करने वाले मामले में नया मोड़ आ गया है।
पता चला कि जिस छात्र प्रिंस कुमार के नाम पर आवेदन डीसी को दिया गया, वह फर्जी है।
काउंसलिंग में शामिल छात्र प्रिंस कुमार ने शिकायत को फर्जी बताते हुए उपायुक्त से निष्पक्ष जांच करते हुए दोषी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
सीसीटीवी फुटेज का दिया हवाला
समाहरणालय में लगे सीसीटीवी फुटेज से भी असलियत सामने आ सकती है कि इस साजिश में कौन शामिल है।
छात्र प्रिंस ने कहा है कि उनके नाम का इस्तेमाल करते हुए उनका फर्जी हस्ताक्षर बनाकर उपायुक्त और झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद झारखंड सरकार को भेजकर कॉलेज को बदनाम करने की साजिश की गई है।
जबकि हकीकत ये है कि काउंसलिंग के बाद बीएनएस डीएवी शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेज से उनके पास कॉल भी आया था। लेकिन उसका सीएमएल रैंक 12393 आने के कारण उन्होंने इस साल खुद से नामांकन लेने से इंकार कर दिया है।
फिलहाल वह हजारीबाग में रहकर पीजी की पढ़ाई कर रहा है और पिछले करीब एक पखवारा से गिरिडीह गया भी नहीं है।
आवेदन में दर्ज रोल नंबर सही
उन्होंने आवेदन में दर्ज रोल नंबर और सीएमएल रैंक को सही बताते हुए कहा कि इसका गलत इस्तेमाल किया गया है।
इधर, बीएनएस डीएवी शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय गिरिडीह के प्राचार्य डॉ मुकेश कुमार शर्मा ने कहा है कि रोल नंबर 2441030543, सीएमएल रैंक 12393 के छात्र प्रिंस कुमार को कॉलेज की ओर से कॉल गया था। लेकिन उन्होंने स्वेच्छा से नामांकन लेने से इंकार कर दिया है।
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