रांची। झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ ने विद्युत विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार और अधिकारियों की मनमानी के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है।
संघ के केंद्रीय अध्यक्ष अजय राय के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने महाप्रबंधक पीके श्रीवास्तव से मुलाकात की और अपनी शिकायतें दर्ज कराईं।
अजय राय ने बताया कि रांची और गुमला सर्किल के कई डिविजनों से लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि वहां कार्यरत एजेंसी के कर्मचारी केवल नाम के लिए हैं, जबकि असल में वे अधिकारियों के ड्राइवर बनकर विभाग के वाहनों का किराया वसूल रहे हैं और मानव दिवस के नाम पर एजेंसी से भी भुगतान ले रहे हैं।
![… तो हड़ताल पर चले जाएंगे बिजली विभाग के कर्मचारी, राज्य की बिजली होगी ठप [… then electricity department employees will go on strike, electricity in the state will be disrupted] 1 WhatsApp Image 2024 08 31 at 5.58.16 PM](https://idtvindradhanush.com/wp-content/uploads/2024/08/WhatsApp-Image-2024-08-31-at-5.58.16-PM-1024x576.jpeg)
राय ने आरोप लगाया कि यह पूरा गोरखधंधा वरीय प्रबंधक से लेकर कनीय प्रबंधक की मिलीभगत से चल रहा है और उन्होंने ऐसे लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
संघ ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ अधिकारी अपने निजी लाभ के लिए दलालों को ड्राइवर और दरबान के रूप में नियुक्त कर रहे हैं, जबकि पुराने कर्मचारियों को सालों से सीट की कमी के कारण दरकिनार किया जा रहा है।
न्यू कैपिटल डिवीजन और कामडारा सबडिवीजन में भी इसी तरह के मामले सामने आए हैं, जहां आउटसोर्स कंपनी के ड्राइवर दोहरा भुगतान ले रहे हैं।
संघ ने महाप्रबंधक को अल्टीमेटम दिया है कि यदि दो दिनों के भीतर चिन्हित दलालों को नहीं हटाया गया और पुराने कर्मचारियों को बहाल नहीं किया गया, तो हड़ताल तय है।
इसी क्रम में श्रमिक संघ ने रांची संचरण के महाप्रबंधक अनिल कुमार भारतीयम से भी शिकायत की कि जमशेदपुर में एरियर का भुगतान हो गया है, लेकिन रांची में अब तक नहीं हो पाया है।
इस पर अनिल कुमार ने एक हफ्ते के भीतर एरियर के भुगतान का आश्वासन दिया।
प्रतिनिधि मंडल में अजय राय के साथ विजय सिंह,रजनीकांत मेहता, राजकुमार प्रमाणिक,गोविंद मुंडा, शिवचरण महतो,आशीष तिग्गा, राजकुमार राज,अनिल तिग्गा,प्रकाश नायक,संजीत महतो,रविंद्र झा,अजय चौधरी,लक्ष्मण टोप्पो समेत कई लोग शामिल थे।
झारखंड में इन दिनों बरसात का मौसम चरम पर है, जिससे बिजली आपूर्ति में लगातार बाधाएं आ रही हैं।
ऐसे में विद्युत विभाग के पास अपने मिस्त्रियों की संख्या बेहद सीमित है, और विभाग मुख्य रूप से ठेकेदारों के भरोसे ही संचालित हो रहा है।
अगर विद्युत विभाग के कर्मचारी ही हड़ताल पर चले जाएंगे तो इससे राज्य की जनता को सबसे अधिक कठिनाई का सामना करना पड़ेगा।
ऐसे में सरकार और विभाग को इस स्थिति से निपटने के लिए जल्द ही कोई ठोस कदम उठाना होगा।
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