रांची। राज्य के 5000 से अधिक मनरेगा कर्मी सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये हैं।
मनरेगा कर्मी सेवा स्थाईकरण और सामाजिक सुरक्षा की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं।
मनरेगा कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से राज्य में मनरेगा के तहत संचालित योजनाओं का कामकाज प्रभावित होने लगा है।
जानकारी के मुताबिक रोजगार सेवक, कंप्यूटर ऑपरेटर, इंजीनियर, बीपीओ इत्यादि कर्मियों की हड़ताल से मनरेगा अंतर्गत बिरसा सिचाई संवर्धन कूप, बिरसा हरित आम बागवानी, अबुआ आवास, वीर पोटो हो खेल मैदान सहित अन्य कई योजनाओं के संचालन में दिक्कत होगी।
2,50,000 मजदूरों की मजदूरी का भुगतान भी प्रभावित
जानकारों का मानना है कि इस हड़ताल से लगभग 2,50,000 मजदूरों की मजदूरी का भुगतान भी प्रभावित हो सकता है।
मनरेगा कर्मियों ने कहा कि पूरी जवानी सरकार की सेवा में दे दिए अब बुढ़ापे में कहां जाएंगेl कहा, कोरोना महामारी के समय भी जब सभी लोग अपने अपने घरों में दुबके हुए थे, अपनी जान की परवाह किए बिना मनरेगा कर्मी ने मजदूरों को रोजगार देकर, घर-घर में चूल्हा जलाने का काम किया है।
प्रखंडों में मनरेगा कर्मियों का दायित्व अहम हैl कहा कि सरकार नियुक्ति नियमावली में संशोधन कर सेवा स्थाई कर ग्रेड पे लागू करे। इस आशय का एक पत्र जॉन बागे, प्रदेश अध्यक्ष की ओर से जारी किया गया है।
सरकार से सिर्फ झूठे आश्वासन मिले
मनरेगा कर्मियों ने कहा कि इस सरकार ने अपने कार्यकाल में झूठे आश्वासनों के अलावा कुछ नहीं दियाl ग्रामीण विकास मंत्री का आवास घेराव, विधानसभा घेराव, 100 किलो मीटर पद यात्रा, मुख्यमंत्री आवास घेराव सभी जिला मुख्यालयों में धरना प्रदर्शन होने के बावजूद कोई कार्यवाही न लेना, सरकार की निरंकुशता को दर्शाता है।
कहा, मनरेगा कर्मी 17 वर्षों से भारत सरकार के ग्रामीण विकास विभाग की अति महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा में अपना योगदान दे रहे हैं।
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