PhD Scam:
रांची। पेयजल स्वच्छता विभाग के स्वर्णरेखा शीर्ष कार्य प्रमंडल में 20 करोड़ रुपये की अवैध निकासी हुई है। इस मामले की जांच सात सदस्यीय अंतर विभागीय जांच कमेटी कर रही है। जांच में कई तरह के चौंकानेवाले खुलासे हुए हैं। इसमें ट्रजेरी की मिलीभगत के संकेत मिले हैं।
पेयजल विभाग और कोषागार के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से यह अवैध निकासी की गई।
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जांच में यह भी पता चला कि पेयजल विभाग के लिपिक ई लकड़ा, जो जून 2015 में सेवानिवृत्त हो गए थे और 2018 में उनका निधन हो चुका था, उनका यूजर आईडी डिएक्टिव नहीं किया गया था। इसका मतलब यह हुआ कि उनके नाम से 2015 के बाद भी कार्य किए गए।
जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इसके लिए उस समय के कोषागार अधिकारी सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं। कोषागार में वित्तीय अनियमितताओं को अंजाम देने के लिए कई तरह की धोखाधड़ी की गई है।
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