पटना में 18 आरोपी CBI हिरासत में
पटना, एजेंसियां। झारखंड के हजारीबाग से NEET पेपर लीक का कनेक्शन सामने आया है।
ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल डॉक्टर एहसान उल हक और एक कर्मचारी को CBI ने पूछताछ के बाद 26 जून की देर रात रिहा कर दिया।
26 जून की शाम CBI ओएसिस स्कूल में पूछताछ करने पहुंची थी। CBI ने 11 आरोपियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था।
उनसे चरही स्थित सीसीएल गेस्ट हाउस में पूछताछ की गई। इनमें NTA के दो सुपरवाइजर भी शामिल हैं।
दो आरोपी CBI की रिमांड पर
पटना में CBI ने पेपर लीक में शामिल दो आरोपियों – बलदेव कुमार उर्फ चिंटू और मुकेश कुमार को तीन दिन की रिमांड पर लिया है। वहीं, 18 आरोपियों को पूछताछ के लिए हिरासत में रखा गया है।
बिहार पुलिस की जांच के मुताबिक, चिंटू ने ही पेपर की फोटोकॉपी कर के 30 स्टूडेंट्स को दिए थे। साथ ही स्टूडेंट्स को किराए के कमरे में सवालों के जवाब याद कराए थे।
हजारीबाग से लीक हुआ पेपर
NEET पेपर लीक मामले में CBI बिहार, झारखंड और गुजरात समेत 6 राज्यों से गिरफ्तार आरोपियों के संबंधों की जांच कर रही है।
बिहार EOU की रिपोर्ट के मुताबिक झारखंड के हजारीबाग में क्वेश्चन पेपर के बॉक्स के रखरखाव और रिसीविंग में लापरवाही हुई है।
क्वेश्चन पेपर्स को 3 मई को NTA ने अपने अधिकारी की मौजूदगी में दिल्ली से रांची फ्लाइट के जरिए भेजा।
रांची एयरपोर्ट पर NTA कर्मचारी ने क्वेश्चन पेपर्स वाले बॉक्स को कूरियर कंपनी को सौंपा। यहां से कंपनी के ट्रक में इन बॉक्सों को कूरियर ऑफिस ले जाया गया।
ट्रक से उतारे गए इन बॉक्सों को कंपनी के ऑफिस के बाहर ही छोड़ा गया था। इसके बाद ई-रिक्शा के जरिए इन क्वेश्चन पेपर्स वाले बॉक्स को SBI की ब्रांच भेजा गया।
इस दौरान बॉक्स की सुरक्षा के लिए किसी को भेजा भी नहीं गया था। अब अंदेशा यह है कि कुरियर कंपनी के ऑफिस से बैंक के रास्ते में इन बॉक्स के साथ छेड़छाड़ की गई।
बिहार EOU की जांच की रिपोर्ट के मुताबिक, पेपर लीक कराने में हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल, ऑब्जर्वर और सेंटर इनचार्ज की भूमिका हो सकती है।
क्योंकि स्कूल में जब क्वेश्चन पेपर्स वाले बॉक्स पहुंचे तो वे ऑटोमैटिकली ओपन नहीं हुए और जिस बैग में बॉक्स था, वो भी नीचे से फटा हुआ था।
इसके बाद बॉक्स को खोलने के लिए कटर का इस्तेमाल किया गया और क्वेश्चन पेपर्स लीक कर दिए गए।
NEET पेपर लीक से जुड़ा उत्तर प्रदेश के विधायक का नाम, 5 पेपर लीक मामलों में हैं संदिग्ध
NEET पेपर लीक मामले में उत्तर प्रदेश से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के विधायक बेदिराम सिंह का नाम भी जुड़ गया है।
दरअसल, पेपर लीक गैंग के मास्टरमाइंड बिजेंद्र गुप्ता ने एक वीडियो में बेदीराम को अपना गुरु बताया है। उसने दावा किया है कि पेपर लीक के असली मास्टरमाइंड बेदीराम हैं।
दरअसल, CPMT पेपर लीक समेत पेपर लीक से जुड़े कई आरोपों में बिजेंद्र गुप्ता का नाम शामिल है।
वहीं, विधायक बेदीराम सिंह पर आरोप है कि उन्होंने 2006 में रेलवे ग्रुप डी, 2007 में रेलवे भर्ती, 2009 में UP STF रेलवे भर्ती परीक्षा, 2011 में छत्तीसगढ़ PMT और दिल्ली यूनिवर्सिटी MET के पेपर लीक होने में उनका हाथ है।
कोलकाता में मेडिकल सीट के बदले वसूले गए 12 लाख रुपए
कोलकाता में NEET UG एग्जाम में मेरिट लिस्ट में पैसों के बदले किसी कैंडिडेट का नाम जोड़ने का मामला सामने आया था।
आरोपी ने स्टूडेंट के पेरेंट्स से मेरिट लिस्ट में नाम जोड़ने और कॉलेज में मेडिकल सीट देने के लिए 5 से 12 लाख रुपए तक की रकम वसूली है। पश्चिम बंगाल पुलिस ने आरोपी को 25 जून को गिरफ्तार किया था।
NEET परीक्षा पर स्टूडेंट्स ने कीं 2 बड़ी शिकायतें
अब तक NEET UG एग्जाम में खास तौर पर दो गड़बड़ियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गईं।
पहली शिकायत : परीक्षा में कई स्टू डेंट्स को ग्रेस मार्क्स दिए गए जिसकी वजह से 67 स्टूडेंट्स AIR 1 के साथ टॉपर बन गए।
दूसरी शिकायत : पेपर लीक होने के आरोप के साथ पेपर कैंसिल कर रीएग्जाम की मांग की गई।
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