दिनांक – 27 जून 2024
दिन – गुरूवार
विक्रम संवत – 2081
शक संवत -1946
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – वर्षा ॠतु
मास – आषाढ
पक्ष – कृष्ण
तिथि – षष्ठी शाम 06:39 तक तत्पश्चात सप्तमी
नक्षत्र – शतभिषा सुबह 11:36 तक तत्पश्चात पूर्वभाद्रपद
योग – आयुष्मान रात्रि 12:28 तक तत्पश्चात सौभाग्य
राहुकाल – दोपहर 02:22 से शाम 04:03 तक
सूर्योदय-05:14
सूर्यास्त- 06:23
दिशाशूल – दक्षिण दिशा में
व्रत पर्व विवरण – पंचक
विशेष – षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
मन्दिर में light कैसी हो
शिव मन्दिर में लप- झप कराने वाली light है तो शिव दर्शन से दूर करती… लप-झप करानेवाली lights मन्दिर में, पूजा के जगह पे रखना नुकसान का काम है, फायदा नहीं … चंचलता बढ़ेगी……
समस्त रोगनाशक उपाय
स्वास्थ्यप्राप्ति हेतु सिर पर हाथ रख के या संकल्प कर इस मंत्र का १०८ बार उच्चारण करें
अच्युतानन्तगोविन्दनामोच्चारणभेषजात् |
नश्यन्ति सकला रोगा: सत्यं सत्यं वदाम्यहम् ||
‘हे अच्च्युत ! हे अनंत ! हे गोविंद ! – इस नामोच्चारणरूप औषध से समस्त रोग नष्ट हो जाते हैं, यह मैं सत्य कहता हूँ …. सत्य कहता हूँ।’
स्नान
गो-झरण से स्नान कराने से रोग नष्ट होंगे पाप नष्ट होंगे…स्नान में गो-झरण डाले…पंचगव्य से स्नान करने से पापनाशिनी उर्जा मिलती है।
कभी बिलि के पत्ते से स्नान करो , कभी उबटन का स्नान करो..कभी गो-झरण का स्नान करो तो कभी दही लगा के स्नान करो… दही लगाके स्नान करने से लक्ष्मी प्राप्ति होती है ..ये सभी शरीर के लिए है….शरीर स्वस्थ रख के अंतरात्मा में आने के लिए ये सब है…
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