दिनांक – 23 जून 2024
दिन – रविवार
विक्रम संवत – 2081
शक संवत -1946
अयन – उत्तरायण
ऋतु – वर्षा ॠतु
मास – ज्येष्ठ
पक्ष – शुक्ल
तिथि – द्वितीया 24 जून रात्रि 03:25 तक तत्पश्चात तृतीया
नक्षत्र – पूर्वाषाढा शाम 05:03 तक तत्पश्चात उत्तराषाढा
योग – ब्रह्म दोपहर 02:27 तक तत्पश्चात इन्द्र
राहुकाल – शाम 05:43 से शाम 07:24 तक
सूर्योदय-05:09
सूर्यास्त- 06:22
दिशाशूल – पश्चिम दिशा में
व्रत पर्व विवरण – विद्यालाभ योग (शाम 05:03 से रात्रि 11:45 तक) (गुजरात-महाराष्ट्र,कर्नाटक,तमिलनाडू,आंध्र प्रदेश आदि अमावस्यांत मास प्रचलन वाले राज्यो को छोड़कर)
विशेष – द्वितीया को बृहती (छोटा बैगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)
रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)
स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।
व्रत विवेक(कौन से वार को व्रत करने से क्या लाभ)
सोमवार का व्रत…उग्र है तो , क्रोध आदि दुर्गुण मिटाने के लिए
मंगलवार का व्रत… शांति पाने, धन का अभाव मिटा ने
बुधवार का व्रत… ज्ञान विकसित करता है.. बुद्धि बढ़ाने के लिए
गुरुवार का व्रत… बुद्धि का व्रत है..बुध्दि का छिछरापन दूर करेगा…मन की चंचलता दूर करने
शुक्रवार का व्रत… ओज की रक्षा करेगा..वीर्यवान होने के लिए, स्वप्नदोष…प्रदर रोग की बीमारियाँ मिटाने के लिए
शनिवार का व्रत… सांसारिक आपदाओं से रक्षा करता है.. हनुमानजी के लिए
रविवार का व्रत… स्वास्थ्य के लिए करते…सूर्य का ध्यान करे.. आरोग्य प्रदायक बन जाता…. व्रत ना करे तो ध्यान से भी आरोग्य मिलाता…
क्षयरोग (टी.बी.) में विशेष हितकारी आँवला
क्षयरोग की प्रारम्भिक अवस्था में आँवला बड़ा ही गुणकारी पाया गया है | इसमें क्षयरोग-प्रतिरोधक क्षमता है |
आँवला व आँवले से बने पदार्थों, विशेषकर च्यवनप्राश का नियमित सेवन इसमें लाभदायी है।
विद्याप्राप्ति और धंधे में सफलता पाने हेतु
जिनको विद्याप्राप्ति में सफलता नहीं मिलती या तो व्यापार करते हैं पर कोई progress नहीं है …वे बुधवार के दिन गुरु मंत्र का जप ज्यादा करें, रोज की अपेक्षा …. और उस दिन दोपहर को आप खाना खाने से पहले केवल ३ पत्ते तुलसी के गिनकर ..गंगा जल में डूबा कर यानि कटोरी में रखें थोड़ा गंगा जल उसमें धोकर ..वो तीन पत्ते खा जाएँ ..उसके बाद भोजन करें। इस से….
विद्याप्राप्ति में लाभ होता है,
धन प्राप्ति होती है,
व्यापार में वृद्धि होती है और शरीर स्वस्थ रखने में मदद मिलती है।
और जप ज्यादा करें।
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