Reserve Bank of India:
नई दिल्ली, एजेंसियां। भारत के वित्तीय परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण विकास को देखते हुए केंद्र सरकार ने डॉ पूनम गुप्ता को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का नया डिप्टी-गवर्नर नियुक्त किया है, जो तीन साल की अवधि के लिए इस पद पर कार्यरत रहेंगी।
पूनम गुप्ता, एक प्रसिद्ध अर्थशास्त्री हैं और वैश्विक स्तर पर उनकी पहचान है। इस महत्वपूर्ण भूमिका में वो उस समय कदम रख रही हैं, जब केंद्रीय बैंक मौद्रिक नीति में बदलाव कर रहा है, ताकि आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा दिया जा सके।
बुधवार को घोषित की गई यह नियुक्ति, इस पद पर करीबन एक दशक बाद किसी महिला को नियुक्त किया गया, जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। उनके पास विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और भारत की आर्थिक नीति सर्कल्स में अपने शानदार कॅरियर से प्राप्त व्यापक अनुभव है।
Reserve Bank of India: शैक्षिक योग्यताएं
पूनम गुप्ता की शैक्षिक योग्यताएं उनके पेशेवर सफर जितनी ही प्रभावशाली हैं। उन्होंने 1998 में यूएसए के मैरीलैंड विश्वविद्यालय से अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की, जो वैश्विक आर्थिक गतिवधियों की गहरी समझ को दर्शाता है।
इससे पहले, उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से 1991 में अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री प्राप्त की, जो भारत के प्रमुख आर्थिक अध्ययन संस्थानों में से एक है।
इसके अतिरिक्त, उन्होंने 1995 में मैरीलैंड विश्वविद्यालय से दूसरी मास्टर डिग्री भी प्राप्त की, जिससे उनके क्षेत्र में विशेषज्ञता और मजबूत हुई। उनके शैक्षिक आधार ने उन्हें जटिल आर्थिक मुद्दों का विश्लेषण करने और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर नीति निर्माण में योगदान देने में मदद की है।
Reserve Bank of India: पेशागत उपलब्धियां
डॉ गुप्ता का कॅरियर दो दशकों से अधिक समय का है, जिसमें उन्होंने आर्थिक शोध और नीति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आरबीआई में उनकी नियुक्ति से पहले, वह नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकॉनॉमिक रिसर्च (एनसीएइआर), भारत के सबसे बड़े आर्थिक नीति थिंक टैंक की महानिदेशक के रूप में कार्य कर चुकी हैं। इस भूमिका में, उन्होंने भारत की आर्थिक रणनीतियों को प्रभावित करने वाली प्रमुख शोध पहलों का नेतृत्व किया।
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