हजारीबाग। हजारीबाग जिले में एक सरकारी जमीन पर अतिक्रमण का मामला सामने आया है। यह जमीन हजारीबाग के बड़ा बाजार ओपी के थाना भवन के निर्माण के लिए आवंटित की गई थी।
इस भूमि पर चर्च के समुदाय ने अतिक्रमण का आरोप लगाया है। चर्च की ओर से दावा किया जा रहा है कि यह जमीन उनकी है, और यहां पर 200 वर्षों से कब्जा किया गया है।
कैसे आया ये मामला सामने
यह मामला तब सामने आया जब ईसाई समाज ने चर्च की भूमि पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया। प्रशासन ने शुरुआत में कार्य को रुकवा दिया था, लेकिन बाद में निर्माण फिर से शुरू हो गया। इस पर हजारीबाग के उपायुक्त (डीसी) ने जांच के लिए एक समिति गठित की है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह जमीन किसकी है और यह अतिक्रमण है या नहीं।
डीसी का बयान
हजारीबाग के डीसी ने कहा कि यह जमीन प्रथम दृष्टया खास महल की भूमि प्रतीत होती है। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी अरविंद कुमार सिंह ने भी जांच की बात की है।
वहीं, मनोज गुप्ता जैसे लोग सरकारी जमीन के अतिक्रमण के खिलाफ आवाज उठाते हुए कह रहे हैं कि किसी भी धर्म या व्यक्ति को सरकारी भूमि पर अतिक्रमण नहीं करने दिया जाना चाहिए, क्योंकि इससे आने वाले दिनों में सरकार और प्रशासन की कठिनाइयाँ बढ़ सकती हैं।
इस पूरे मामले में चर्च की ओर से यह भी कहा गया कि 200 सालों से इस भूमि पर उनका कब्जा है, और वे किसी भी परिस्थिति में यहां थाना भवन का निर्माण नहीं होने देंगे। इस पर प्रशासन ने उच्च स्तरीय जांच का आश्वासन दिया है और इस मुद्दे पर रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
इसे भी पढ़ें
सरकारी रेट से कम कर जमीन और घर खरीदे थे संजीव लाल और जहांगीर ने