चंडीगढ़, एजेंसियां। पंजाब के शंभू और खनौरी सीमा पर पिछले एक साल से धरना दे रहे किसानों के खिलाफ बुधवार रात पंजाब पुलिस ने सख्त कार्रवाई की। पुलिस ने किसानों के अस्थायी निर्माणों पर बुलडोजर चलाया और करीब 200 किसानों को हिरासत में ले लिया। यह कार्रवाई उस समय की गई जब किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल केंद्र सरकार से बातचीत करने के लिए चंडीगढ़ गया हुआ था।
किसानों के धरने का मुख्य मुद्दा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी गारंटी बनाना और अन्य कृषि संबंधित मांगें थीं। पुलिस की इस कार्रवाई को लेकर विपक्षी दलों ने कड़ी निंदा की और इसे कायरतापूर्ण बताया।
किसानों की रिहाई की मांग:
कांग्रेस सांसदों ने संसद में प्रदर्शन करते हुए पंजाब सरकार और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और हिरासत में लिए गए किसानों की जल्द रिहाई की मांग की। कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने पंजाब मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान पर निशाना साधते हुए कहा कि यह पंजाब की परंपरा नहीं है कि नेताओं को मीटिंग के नाम पर बुलाकर गिरफ्तार किया जाए।
रवनीत सिंह बिट्टू का आरोप:
केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने आरोप लगाया कि पंजाब सरकार किसानों और केंद्र सरकार के बीच बातचीत को पटरी से उतारने की कोशिश कर रही है। उन्होंने इस कार्रवाई को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा किसानों को धोखा देने की साजिश बताया। इस पूरे मामले में शिरोमणि अकाली दल और अन्य विपक्षी नेताओं ने किसानों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की आलोचना की और किसान नेताओं की रिहाई की मांग की।
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