दिनांक – 12 जून 2024
दिन – बुधवार
विक्रम संवत – 2081
शक संवत -1946
अयन – उत्तरायण
ऋतु – ग्रीष्म ॠतु
मास – ज्येष्ठ
पक्ष – शुक्ल
तिथि – षष्ठी शाम 07:16 तक तत्पश्चात सप्तमी
नक्षत्र – मघा 13 जून रात्रि 02:12 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी
योग – हर्षण शाम 05:16 तक तत्पश्चात वज्र
राहुकाल – दोपहर 12:39 से दोपहर 02:19
सूर्योदय-05:07
सूर्यास्त- 06:29
दिशाशूल – उत्तर दिशा में
व्रत पर्व विवरण –
स्कंद षष्ठी,अरण्य षष्ठी
विशेष – षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
वास्तु शास्त्र
दर्पण
टूटा हुआ दर्पण रखना वास्तु के अनुसार एक बड़ा दोष है। इस दोष के कारण घर में नकारात्मक ऊर्जा सक्रिय रहती है और परिवार के सदस्यों को मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है।
यशप्राप्ति का अदभुत मंत्र
कौसी कार्य की शुरवात करने से पहले – ‘नारायण … नारायण …, नारायण …, नारायण …’ इसी मंत्र का सभी नर – नारी में छूपी सर्वव्यापक परमात्मा के नामस्मरण या उच्चारण करनेवालों को यश अवश्य मिलता है |
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