Wednesday, June 25, 2025

क्यों मनाया जाता है महिला दिवस? [Why is Women’s Day celebrated?]

आपने मीडिया में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के बारे में जरूर ही सुना होगा। इस दिवस पर होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी भी मिलती ही होगी। पर कभी सोचा कि आखिर ये दिन क्यों मनाया जाता है? ये कब मनाया जाता है? ये कोई जश्न है? या फिर, विरोध का प्रतीक है? क्या महिला दिवस की तरह कभी अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस भी मनाया जाता है?
और, इस साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर कौन कौन से कार्यक्रम होंगे?
पिछली एक सदी से भी ज़्यादा वक़्त से दुनिया भर में लोग आठ मार्च को महिलाओं के लिए एक ख़ास दिन के तौर पर मनाते आए हैं।

आइए जानने की कोशिश करते हैं कि इसकी क्या कहानी है?
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत कैसे हुई?
1910 में क्लारा जेटकिन नाम की एक महिला ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की बुनियाद रखी थी।

1910 में न्यूयार्क में महिलाओं ने परेड निकाली थीः

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस या महिला दिवस, कामगारों के आंदोलन से निकला था, जिसे बाद में संयुक्त राष्ट्र ने भी सालाना जश्न के तौर पर मान्यता दी।

इस दिन को ख़ास बनाने की शुरुआत आज से 115 बरस पहले यानी 1908 में तब हुई, जब क़रीब पंद्रह हज़ार महिलाओं ने न्यूयॉर्क शहर में एक परेड निकाली। उनकी मांग थी कि महिलाओं के काम के घंटे कम हों। तनख़्वाह अच्छी मिले और महिलाओं को वोट डालने का हक़ भी मिले।

1911 में अमरीका की सोशलिस्ट पार्टी ने राष्ट्रीय महिला दिवस मनायाः

एक साल बाद अमरीका की सोशलिस्ट पार्टी ने पहला राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का एलान किया। इसे अंतरराष्ट्रीय बनाने का ख़याल सबसे पहले क्लारा ज़ेटकिन नाम की एक महिला के ज़हन में ही आया था।

क्लारा एक वामपंथी कार्यकर्ता थीं। वो महिलाओं के हक़ के लिए आवाज़ उठाती थीं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का सुझाव, 1910 में डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगेन में कामकाजी महिलाओं के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में दिया था।

पहले अंतर्ऱाष्ट्रीय सम्मेलन मे 17 देशों की महिलाएं शामिलः

उस सम्मेलन में 17 देशों से आई 100 महिलाएं शामिल थीं और वो एकमत से क्लारा के इस सुझाव पर सहमत हो गईं. पहला अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विटज़रलैंड में मनाया गया। इसका शताब्दी समारोह 2011 में मनाया गया. तो, तकनीकी रूप से इस साल हम 112वां अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने जा रहे हैं।

1975 में मिली औपचारिक मान्यताः

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को औपचारिक मान्यता 1975 में उस वक़्त मिली, जब संयुक्त राष्ट्र ने भी ये जश्न मनाना शुरू कर दिया। संयुक्त राष्ट्र ने इसके लिए पहली थीम 1996 में चुनी थी, जिसका नाम ‘गुज़रे हुए वक़्त का जश्न और भविष्य की योजना बनाना’ था।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस नारियों की तरक्की का प्रतीकः

आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस, समाज में, सियासत में, और आर्थिक क्षेत्र में महिलाओं की तरक़्क़ी का जश्न मनाने का दिन बन चुका है। जबकि इसके पीछे की सियासत की जो जड़ें हैं, उनका मतलब ये है कि हड़तालें और विरोध प्रदर्शन आयोजित करके औरतों और मर्दों के बीच उस असमानता के प्रति जागरूकता फैलाना है, जो आज भी बनी हुई है।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस आख़िर क्यों मनाया जाता है?

8 मार्च ही क्यों?
जब क्लारा जेटकिन ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का सुझाव दिया था, तो उनके ज़हन में कोई ख़ास तारीख़ नहीं थी।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस तो 1917 में जाकर तय हुआ था, जब रूस की महिलाओं ने ‘रोटी और अमन’ की मांग करते हुए, ज़ार की हुक़ूमत के ख़िलाफ़ हड़ताल की थी। इसके बाद ज़ार निकोलस द्वितीय को अपना तख़्त छोड़ना पड़ा था।
उसके बाद बनी अस्थायी सरकार ने महिलाओं को वोट डालने का अधिकार दिया था।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर पर्पल रंग पहना जाता है। ये सम्मान और न्याय का प्रतीक ह।

लोग इस दिन जामुनी रंग के कपड़े क्यों पहनते हैं?

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पहचान अक्सर जामुनी रंग से होती है क्योंकि इसे ‘इंसाफ़ और सम्मान’ का प्रतीक माना जाता है।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की वेबसाइट के मुताबिक़, जामुनी, हरा और सफ़ेद अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रंग हैं।

वेबसाइट के मुताबिक़, ‘जामुनी रंग इंसाफ़ और सम्मान का प्रतीक है। हरा रंग उम्मीद जगाने वाला है, तो वहीं सफ़ेद रंग शुद्धता की नुमाइंदगी करता है।’
हालांकि इस रंग से जुड़ी परिकल्पना को लेकर विवाद भी है। महिला अधिकार कार्यकर्ता कहते हैं। “महिला दिवस से ताल्लुक़ रखने वाले इन रंगों की शुरुआत 1908 में ब्रिटेन में महिलाओं के सामाजिक और राजनीतिक संघ (WSPU) से हुई थी

किस देश में क्या होता है?

चीन में राष्ट्रीय परिषद के सुझाव पर बहुत सी महिलाओं को आठ मार्च को आधे दिन की छुट्टी दे दी जाती है। इटली में महिलाओं को आठ मार्च को मिमोसा फूल देकर अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। ये परंपरा कब से शुरू हुई, ये तो साफ़ नहीं है। मगर, माना ये जाता है कि इसकी शुरुआत दूसरे विश्व युद्ध के बाद रोम से हुई थी। अमरीका में मार्च का महीना महिलाओं की तारीख़ का महीना होता है। हर साल राष्ट्रपति की तरफ़ से एक घोषणा जारी की जाती है, जिसमें अमरीकी महिलाओं की उपलब्धियों का बखान किया जाता है।

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