कमलेश बोला-पहली कॉपी प्रेमिका को दी, रोहित ने 60 हजार कमाए
गिरिडीह। जैक बोर्ड की 10वीं परीक्षा के पेपर लीक मामले में गिरिडीह से गिरफ्तार 6 आरोपियों को पुलिस ने 3 दिनों की रिमांड पर लिया है। आरोपियों को गिरिडीह के न्यू बरगंडा में एक मकान से पकड़ा गया था।
अब पुलिस रिमांड पर लेकर आरोपियों से पूछताछ कर रही है। इधर, कोडरमा के मरकच्चो से गिरफ्तार निजी स्कूल संचालक प्रशांत साहा उर्फ प्रिंस और एक छात्र को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस की पूछताछ में 12वीं के छात्र कमलेश कुमार ने कबूला है कि उसने प्रेमिका के लिए मजदूर बनकर प्रश्न पत्र चुराया था। पेपर की पहली कॉपी प्रेमिका को ही दी थी। इसके बाद कोडरमा के एक सरकारी शिक्षक और कुछ कोचिंग संचालकों को बेच दिया था। इसके एवज में उसे करीब 25 हजार रुपए मिले थे।
कई निजी स्कूल और कोचिंग संचालकों ने भी जमकर कमाई कीः
कमलेश के दोस्त मुकेश कुमार ने करीब 30 हजार, रोहित ने सबसे ज्यादा 60 हजार और अंशु ने 15 हजार रुपए कमाए थे। पुलिस को जानकारी मिली है कि कोडरमा और गिरिडीह के कई निजी स्कूल और कोचिंग संचालकों ने भी जमकर कमाई की है। पुलिस को पेपर लीक मामले में एक और मास्टरमाइंड की तलाश है, जो धनबाद के किसी सरकारी कार्यालय में अनुबंध कर्मी है।
रोहित से मिले प्रश्न पत्र के बाद युवकों तक पहुंची पुलिसः
कोडरमा पुलिस गिरिडीह से करीब एक दर्जन युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही थी। इसी क्रम में गिरिडीह के रोहित कुमार को पकड़ा था। उसके मोबाइल की जांच करने पर 17 फरवरी को वायरल प्रश्न पत्र के साक्ष्य मिले। रोहित ने पूछताछ में बताया कि मुख्य सरगना जमुआ निवासी कमलेश कुमार है।
वह किराए के मकान में रहकर 12वीं में पढ़ता है। इसके बाद पुलिस ने कमलेश को गिरफ्तार किया और पेपरलीक का खुलासा हुआ। इधर, पुलिस उस ठेकेदार को भी तलाश रही है, जिसने प्रश्न पत्र उतारने के लिए मजदूर सप्लाई किया था। ठेकेदार गायब है। मामले में कुछ अधिकारियों की लापरवाही भी सामने आ रही है।
गिरिडीह में प्रश्न पत्रों को रखने में भारी लापरवाहीः
प्रश्न पत्रों को रखने के मामले में गिरिडीह जिला प्रशासन की भारी लापरवाही सामने आई है। जैक अध्यक्ष ने सभी डीसी को निर्देश दिया था कि प्रश्न पत्रों को रखने के लिए वज्रगृह कोषागार, उपकोषागार या बैंक में बनाया जाए। मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में प्रश्नपत्र सील करने और खोलने के दौरान वीडियोग्राफी करनी थी, पर गिरिडीह में जिला जनसंपर्क कार्यालय के पीछे शहरी आजीविका केंद्र में स्ट्रांग रूम बनाया गया और इसमें ही प्रश्न पत्र रखे गए।
आजीविका केंद्र ऐसी जगह पर है, जहां ट्रक नहीं पहुंच सकता था। ऐसे में वहां तक टोटो से प्रश्न पत्रों को लाया गया। 5 सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है, लेकिन केंद्र के पास आम लोगों के आने-जाने में कोई रोक नहीं थी। परिसर का मुख्य गेट टूटा हुआ है। सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए गए। प्रश्न पत्रों को की ढुलाई के दौरान भी न कोई वीडियोग्राफी कराई गई और न मजिस्ट्रेट मौजूद थे।
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