उत्तर प्रदेश, एजेंसियां। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र में शिक्षा क्षेत्र में अपनी सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि उनकी सरकार ने बेसिक, माध्यमिक, उच्च, प्राविधिक और व्यावसायिक शिक्षा के क्षेत्रों में 1.60 लाख से अधिक भर्तियां की हैं।
शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन
मुख्यमंत्री ने बताया कि शिक्षा क्षेत्र में भर्तियों को सुव्यवस्थित करने के लिए उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन किया गया है। यह आयोग विभिन्न विभागों से अधियाचन प्राप्त कर पारदर्शी और निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित कर रहा है।
पिछली सरकार पर निशाना
मुख्यमंत्री ने 2017 से पहले की स्थिति पर सवाल उठाते हुए कहा कि यूपी लोक सेवा आयोग में पारदर्शिता का अभाव था। उन्होंने दावा किया कि उस समय नियुक्तियों में जातिवाद और कुप्रबंधन का बोलबाला था। सीएम ने यह भी आरोप लगाया कि आयोग का नेतृत्व एक अयोग्य व्यक्ति को सौंपा गया था, जिसके पास फर्जी डिग्रियां थीं।
सुधारों पर जोर
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी सरकार ने भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए कई सुधार लागू किए हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि अब आयोगों और बोर्डों को पूरी स्वतंत्रता दी गई है ताकि वे ईमानदारी के साथ भर्ती प्रक्रिया को पूरा कर सकें।
विपक्ष की आलोचना का जवाब
सपा विधायकों द्वारा उठाई गई चिंताओं पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार युवाओं के रोजगार और शिक्षा क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने सदस्यों से सदन की गरिमा बनाए रखने और तथ्यों के आधार पर चर्चा करने का आग्रह किया।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब राज्य में रोजगार और भर्ती प्रक्रिया को लेकर लगातार सवाल उठाए जाते रहे हैं। योगी सरकार द्वारा किए गए सुधार और भर्तियों का यह दावा आगामी चुनावों के मद्देनजर महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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