धारा 163 लागू, वाटर कैनन, वज्र वाहन तैनात
रांची। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की ओर से ली गई संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए राज्य भर के छात्र आक्रोशित हैं। हालांकि आयोग इसे नकार रहा है। आक्रोशित छात्रों का महाजुटान सोमवार के जेएसएससी कार्यालय में होने वाला है।
राज्य में अलग-अलग जिलों में इस महाजुटान को लेकर छात्रों के बीच मैसेज भेजा गया है। वहीं आज से ही संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा में उत्तीर्ण उम्मीदवारों का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन भी शुरू हो रहा है।
ऐसे में किसी भी तरह के हिंसात्मक विरोध को ध्यान में रखते हुए रांची पुलिस की ओर से पुख्ता तैयारी की गई है। पुलिस की तैयारी ऐसी है कि आंदोलन कर रहे छात्र जेएसएससी कार्यालय तक पहुंच ही न सकें। इसके लिए नामकुम इलाके में मौजूद जेएसएससी कार्यालय और वहां तक पहुंच के सभी रास्तों में बैरिकैडिंग कर दी गई है।
फायर ब्रिगेड, वाटर कैनन, वज्र वाहन तैनातः
किसी भी उपद्रव से निपटने के लिए पुलिस ने जेएसएससी कार्यालय के बाहर फायर ब्रिगेड, वाटर कैनन और वज्र वाहन तैनात किए हैं। प्रशासन वीडियोग्राफी और ड्रोन के जरिए भी आज से ही नजर रखे हुए है। वहीं पुलिस के तमाम बड़े अधिकारियों ने इलाके का जायजा भी लिया है। पूरे जेएसएससी कार्यालय और आसपास के क्षेत्र को हाई सेक्यूरिटी जोर में तब्दील कर दिया गया है।
छात्रों के संभावित हुड़दंड से निपटने के लिए करीब 2500 जवानों और अधिकारी मौके पर तैनात किए गए हैं। साथ ही जेएसएससी ऑफिस जाने वाले रास्तों में दो लेयर की सुरक्षा की गई है। जेएसएससी कार्यालय के बाहर पुलिस प्रशासन के लिए टेंट और पूरे मैदान में बैरिकेडिंग की गई है। सभी मूवमेंट की वीडियोग्राफी भी की जा रही है।
छात्रों का दावा हर हाल में घेरेंगे कार्यालय, धारा 163 लागूः
वहीं आंदोलन कर रहे छात्रों का दावा है कि वे कल हर हाल में जेएसएससी कार्यालय का घेराव करेंगे। छात्रों के संगठनों का कहना है कि राज्य भर से 50 हजार से अधिक छात्र जेएसएससी कार्यालय पहुंचेंगे और अपना विरोध दर्ज करेंगे। वहीं पुलिस प्रशासन भी उनके मनसूबे पर पानी फेरने के लिए पूरी तैयारी कर रखी है।
इधर डीआईजी ने अनूप बिरथरे ने नामकुम स्थित आयोग के कार्यालय जाकर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों को जरूरी निर्देश दिए। जेएसएससी ऑफिस के 100 मीटर पहले से ही आवाजाही बंद कर दी गई है। जेएसएससी कार्यालय और सदाबहार चौक के 500 मीटर के दायरे में धारा 163 लागू कर दी गई है। यह आदेश 20 दिसंबर तक लागू रहेगी।
छात्र क्यों कर रहे हैं विरोधः
जेएसएससी की ओर से ली गई संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा को लेकर छात्रों का कहना है कि यह परीक्षा 21 और 22 सितंबर को ली गई। 21 सितंबर को जो परीक्षा ली गई थी, उसके रिजल्ट में केवल 82 स्टूडेंट पास किए। जबकि 22 सितंबर की परीक्षा के रिजल्ट में 2149 उम्मीदवारों को पास दिखाया गया।
यह अपने-आप में अनियमितता को दर्शाता है। अभी तक कटऑफ नहीं जारी किया जाना, कम मार्क्स वाले को सफल बताया जाना, साफ संकेत है कि परीक्षा में भारी गड़बड़ी हुई है। वहीं छात्र इस परीक्षा की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं।
क्या कह रही है जेएसएससीः
इस परीक्षा को लेकर आयोग का कहना है कि इसमें गड़बड़ी नहीं है। छात्रों का आरोप बेबुनियाद है। आयोग के सचिव सुधीर गुप्ता ने कहा-अभ्यर्थियों ने जो सबूत दिए थे, उससे कहीं साबित नहीं होता कि पेपर लीक हुआ है। सीजीएल का रिजल्ट जारी करने की बात भी गलत है।
डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए मेरिट लिस्ट जारी की गई है, जो 16 से 20 दिसंबर तक चलेगा। इसके बाद फाइनल रिजल्ट जारी होगा। उन्होंने कहा कि बाहरी लोगों के ज्यादा पास होने का आरोप भी गलत है।
सरकार ने क्या लिया है एक्शनः
जेएसएससी की ओर से ली गई संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा को लेकर राज्य सरकार ने भी संज्ञान लिया है। सीएम हेमंत सोरेन ने इस परीक्षा में लग रहे गड़बड़ी के कथित आरोपों की जांच सीआईडी को करने को कहा है। सीएम के इस आदेश के बाद डीजीपी अनुराग गुप्ता ने भी सीआइडी को पूरे मामले की जांच का आदेश दे दिया है।
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