रांची। रिम्स प्रबंधन ने मंकीपॉक्स को लेकर अस्पताल को अलर्ट रहने का निर्देश दिया है। वहीं, संदिग्ध मरीजों के उपचार और आइसोलेट करने के लिए अस्पताल में पांच बेड आरक्षित किये गये हैं।
इधर, चिकित्सा अधीक्षक डॉ हिरेंद्र बिरुआ ने कम्युनिटी मेडिसिन, मेडिसिन, शिशु रोग, चर्म रोग एवं माइक्रोबायोलॉजी के विभागाध्यक्ष से उपचार संबंधी जानकारी ली।
इस दौरान रिम्स परिसर में मंकीपॉक्स से बचाव से संबंधित जानकारी प्रसारित करने पर भी सहमति बनी।
साथ ही मंकीपॉक्स के संभावित मामले आने पर शीघ्र जांच सैंपल को एमजीएम जमशेदपुर भेजने का निर्देश दिया गया।
हालांकि, अभी तक मंकीपॉक्स का कोई मामला यहां नहीं मिला है। कोलकाता में एक मामले की पुष्टि हुई है।
बता दें कि इसे लेकर पिछले महीने ही स्वास्थ्य विभाग ने एक एडवाइजरी जारी कर अस्पतालों को अलर्ट मोड में काम करने को कहा था।
क्या है मंकीपॉक्स
मंकीपॉक्स एक संक्रामक रोग है, जो संक्रमित जानवरों के वायरस से मनुष्यों में फैलता है। इसके अलावा यह शारीरिक संपर्क के माध्यम से एक से दूसरे मनुष्य में फैल सकता है।
इसमें चेहरे, हाथ और पैर में चेचक की तरह दाने निकल आते हैं। अभी तक जो मामले सामने आये हैं, उसमें यह बच्चों में पाया गया है। पिछले साल भी मंकीपॉक्स के मरीजों की पहचान हुई थी।
मंकीपॉक्स के लक्षण
मरीज को तेज ठंड लगकर बुखार आना, सिर में तेज दर्द होना, अत्यधिक थकान, चेचक जैसे लक्षण के साथ लाल चकत्ते पड़ना और घाव में बदल जाना सहित कुछ अन्य लक्षण।
बचाव के उपाय
जानवरों के संपर्क में आने से बचें, बच्चों को विशेष रूप से सतर्कता बरतने को कहें, घरों में सफाई का विशेष ध्यान रखें व सैनिटाइज करते रहें।
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