रांची, एजेंसियां। झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग से जुड़े इंजीनियरों ने बड़ा खेला किया है। उन्होंने विकास योजनाओं को लागू करने के दौरान 80 करोड़ रुपये की वसूली की है।
ये वसूली बतौर कमीशन की गई है। यह खुलासा ईडी ने अपनी जांच के दौरान किया है। संबंधित इंजीनियरों से की गयी पूछताछ से इसकी पुष्टि हुई है।
पूछताछ के दौरान कई ठेकेदारों ने भी कमीशन देने की बात स्वीकार की है। ईडी ने तत्कालीन मंत्री आलमगीर आलम के पीए संजीव लाल की डायरी में लिखे कोर्ड वर्ड को डिकोड करने के बाद उनसे पूछताछ की।
संजीव लाल की डायरी में लिखे कोड वर्ड
मंत्री आलमगीर आलम के पीए संजीव लाल के पास से ईडी को एक डायरी मिली थी। इस मिली डायरी में टीयू, आरएल सहित अन्य शब्द और उनके सामने अंक लिखे हुए थे।
पूछताछ के दौरान पता चला कि टीयू का अर्थ झारखंड स्टेट रूरल रोड डेवलपमेंट अथॉरिटी (जेएसआरआरडीए) के मुख्य अभियंता सिंगराय टूटी हैं। वह अब रिटायर हो चुके हैं। इसी तरह आरएल का अर्थ मुख्य अभियंता राजीव लोचन है।
सिंगराय टूटी ने ये कहा था
सिंगराय टूटी ने ईडी की पूछताछ के बाद अपना बयान दर्ज कराया था।
उन्होंने ईडी को दिये गये बयान में यह स्वीकार किया कि वे जेएसआरआरडीए द्वारा संचालित 600 करोड़ रुपये की योजनाओं में से तीन प्रतिशत की दर से बतौर कमीशन 18 करोड़ रुपये वसूल किये थे।
यह रकम संजीव लाल को दी गयी थी। वह अप्रैल 2023 में तत्कालीन मंत्री आलमगीर आलम से मिले थे।
इस मुलाकात में उन्होंने अपने हिस्से के कमीशन की बात कही थी। साथ ही यह भी कहा था कि यह सब संजीव लाल देखते हैं।
इंजीनियरों से पूछताछ में खुला कमीशनखोरी का राज
ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के मुख्य अभियंता सुरेंद्र कुमार ने भी ईडी के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया था।
साथ ही विकास योजनाओं की लागत में से 15 करोड़ रुपये बतौर कमीशन लिये जाने की बात कही थी।
कार्यपालक अभियंता संतोष कुमार ने ईडी को दिये गये बयान में स्वीकार किया है कि मुख्य अभियंता राजीव लोचन के कहने पर उन्होंने विकास योजनाओं की लागत में से बतौर कमीशन 20 करोड़ रुपये वसूल किये थे।
कार्यपालक अभियंता अशोक गुप्ता ने मुख्य अभियंता सिंगराय टूटी और प्रमोद कुमार के कहने पर 10.50 करोड़ रुपये कमीशन वसूला।
कितने अधिकारियों ने कितनी रकम वसूली
जेएसआरआरडीए के कार्यपालक अभियंता अजय कुमार ने 150 करोड़ रुपये के टेंडर में 4.77 करोड़ और अजय तिर्की ने 212 करोड़ रुपये की योजनाओं में 6.36 करोड़ रुपये बतौर कमीशन वसूलने और संजीव लाल को देने की बात स्वीकार की।
इसी तरह राजकुमार टोप्पो ने पांच करोड़ और उमेश कुमार ने 3.5 करोड़ रुपये कमीशन वसूल कर पहुंचाने की बात स्वीकार की।
इन कंस्ट्रक्शन कंपनियों ने दिये कमीशन
मुख्य अभियंता राम कुमार राम के निर्देश पर कार्यपालक अभियंता सिद्धांत कुमार ने भी 1.5 करोड़ रुपये कमीशन वसूल कर देने की बात स्वीकार की है।
ईडी ने मेसर्स ऊर्जा इंफ्रा के अमल विश्वास से भी पूछताछ की। अमल विश्वास ने अपने बयान में यह स्वीकार किया कि उनकी कंपनी को कुल चार टेंडर मिले थे।
इसकी लागत 169.2 करोड़ रुपये थी। उन्होंने इसके बादल कमीशन के तौर पर तीन करोड़ रुपये का भुगतान किया था।
मेसर्स गुप्तेश्वर कंस्ट्रक्शन के तरेंद्र सिंह ने 7.39 करोड़ के काम के बदले 8-9 लाख रुपये कमीशन देने की बाद स्वीकार की थी।
नंदनी कंस्ट्रक्शन के बिपिन सिंह ने 6.28 करोड़ रुपये काम के बदले 10 लाख रुपये कमीशन देने की बात स्वीकार की है।
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