Wednesday, June 25, 2025

दांतों को रखें सुन्दर और स्वस्थ, करें ये उपाय [Keep your teeth beautiful and healthy, follow these steps]

रांची। Health tips : दांत हमारे शरीर के मुख्य भाग हैं। आपके दांत का सीधा सम्बन्ध हमारे स्वस्थ से हैं। इसके स्वस्थ एवं सुन्दर होने से व्यक्तित्व और शरीर दोनों तंदुरुस्त रहता है।

अमूमन ऐसा देखा जाता है कि एक उम्र के बाद इसकी परेशानी बढ़ जाती हैं, कई लोगों के दांत sensitive हो जाते है।

सेंसेटिव का अर्थ यह है कि ठण्डा या गर्म कुछ भी खाने पर एक तरह का सनसनाहट दांतों में होते रहता है।

कैविटी होने पर दांतों में दर्द होने लगती है। यह स्थिति अचानक नहीं बल्कि धीरे-धीरे पनपती है।

आईए सबसे पहले दांतों की संरचना को समझते है। दांतों की ऊपरी परत इनेमल है। इसका कार्य भीतर की sensitive Dentine की रक्षा करना है।

दांतों का तीसरा व सबसे भीतरी भाग पल्प कहलाता है। दांतों के डेन्टाइन भाग में nerve fibers के छोर पाये जाते हैं। ये fibres पल्प की ओर जाते हैं।

दांतों की ऊपरी परत इनेमल कठोर होती है एवं nerve fibers के न होने से ये ठण्डा या गरम नहीं महसूस कर पाती किंतु यदि मसूड़े पीछे की ओर सरकते हैं अथवा किसी भांति इनेमल को क्षति पहुंचती है, तो डेन्टाइन बाहर की ओर दिखने लगता है।

एक बार यह समस्या उत्पन्न हो जाये तो फिर ठण्ड में खाने में कठिनाई होने लगती है। विशेष रूप से शक्कर वाली चीजें खाने पर ज्यादा कष्ट होता है।

जब कोई भी मीठा पदार्थ जब डेन्टाइन के सम्पर्क में आता है तो डेन्टाइन में सनसनाहट होने लगती है। जब सर्द हवा चलती है तब भी इन दांतों में तेज दर्द शुरू हो जाता है।

दांतों की समस्या के कारण

शरीर के इस बेहद संवेदनशील हिस्से का सही तरीके से देखभाल नहीं होना पर इसका सबसे प्रमुख कारण होता है।

बचपन से ही सही एवं उचित तरीके से ब्रश नहीं करना भी एक बड़ी वजह है। । ठीक से ब्रश नहीं करने पर दांतों पर बैक्टीरिया की परत (जिसे प्लेक भी कहते हैं) जम जाती है जो मसूड़ों को क्षति पहुंचाती है।

Sensitive दांतों का इलाज

  • दांतों के उपरी हिस्से मे जमी प्लेक मुलायम ब्रश की मदद से साफ करने चाहिए।
  • अपनी उंगली को हल्के-हल्के मुंह के अंदर गोलाई में घुमाते हुये पहले मसूड़ों एवं दांतों में फंसे अन्न कण साफ करनी चाहिए।
  • तत्पश्चात ऊपर नीचे, अगल बगल भीतर बाहर पांच मिनट तक नित्य प्रति दांतों की सफाई करनी चाहिए।
  • दांतों की सफाई विशेष रूप से medicated टूथपेस्ट से करनी चाहिए, जिसमें फ्लोराइड की मात्रा होनी चाहिए।
  • अच्छी तरह दांतों को ब्रश करने के बाद किसी अच्छे माउथवाश से कुल्ली करनी चाहिए ।
  • भोजन के अन्तराल में बार-बार मीठी चीजें खाने से परहेज करना चाहिए। ऐसा करने से दांतों में बैक्टीरिया को बनने लगते है।
  • रात्रि बेला में भोजन के बाद एवं सोने से पहले दांतों को अवश्य ही ब्रश से साफ करें।
  • कोशिश करनी चाहिए कि जिन्हें दिक्कत है वह लोग अम्लीय( acidic) पदार्थ या रस, शर्बत आदि का सेवन करते समय स्ट्रा का इस्तेमाल करना चाहिए ताकि अम्ल दांतों या मसूड़ों पर न लगे वरना दांतों में दर्द उभर आता है।
  • इस तरह के अभ्यास के फायदे बहुत हैं। इससे मुंह एवं भोजन के माध्यम से अंदर जाने वाले बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश नहीं करने पाते। इससे भोजन से संबंधित एवं आहार नलिका से संबंधित बीमारियों के होने की संभावना नहीं के बराबर हो जाती हैं। दांतों की देखभाल एवं सुरक्षा के उपाय नियमित रूप से किए जाएं तो वे देखने में सुंदर एवं आकर्षक तो प्रतीत होते ही हैं। अमूमन उम्र का बढ़ना एक प्रक्रिया है परंतु दांत निरोगी एवं सुन्दर है तब बढ़ती उम्र की वजह से व्यक्तित्व को प्रभावित नहीं होता है।

इसे भी पढ़ें

लौंग, आयुर्वेद का अनमोल खजाना और जानें, इसके चमत्कारी गुण

Hot this week

झारखंड विधानसभा चुनाव की घोषणा आज [Jharkhand assembly elections announced today]

राज्य में लगेगी आदर्श आचार संहिता रांची। झारखंड विधानसभा चुनाव...

Firing in Hazaribagh:हजारीबाग में फायरिंग, दो युवकों को मा’री गो’ली [Firing in Hazaribagh, two youths shot]

Firing in Hazaribagh: हजारीबाग। झारखंड के हजारीबाग जिले में बुधवार...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img