Wednesday, June 25, 2025

अब किसी भी प्रापर्टी पर वक्फ बोर्ड यूं ही नहीं ठोक सकेगा दावा, सरकार बड़े बदलाव की तैयारी में [Now Waqf Board will not be able to stake claim on any property just like that, government is preparing for big changes]

नई दिल्ली, एजेंसियां। सरकार इस समय वक्फ बोर्ड में एक बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है। इसके तहत किसी भी संपत्ति को ‘वक्फ संपत्ति’ घोषित करने और उस पर कंट्रोल करने के अधिकारों पर रोक लगाना चाहती है।

सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट ने शुक्रवार शाम को वक्फ एक्ट में 40 बदलावों पर चर्चा की। इसमें वक्फ बोर्ड के अधिकार क्षेत्र की जांच करने वाले भी शामिल हैं, जो देशभर में लाखों करोड़ रुपये की संपत्ति को कंट्रोल करते हैं।

टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, वक्फ एक्ट में एक जो बड़ा बदलाव प्रस्तावित है, उसके अनुसार, वक्फ बोर्ड अगर किसी प्रॉपर्टी पर दावा करती है तो उसका वेरीफिकेशन यानी सत्यापन अनिवार्य रूप से किया जाएगा।

वहीं जिन संपत्तियों पर वक्फ बोर्ड और किसी आम व्यक्ति के बीच लड़ाई चल रही है, तो उसमें भी वेरीफिकेशन को अनिवार्य करने का प्रस्ताव रखा गया है।

कैबिनेट के फैसलों पर शुक्रवार शाम को हुई आधिकारिक ब्रीफिंग में इस कदम का जिक्र नहीं किया गया था।

हालांकि टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने संकेत दिया है कि वक्फ एक्ट में बदलाव के लिए एक विधेयक अगले हफ्ते संसद में पेश किया जा सकता है।

सूत्रों ने यह भी कहा कि संपत्तियों के अनिवार्य सत्यापन के दो प्रावधान, जो वक्फ बोर्ड की मनमानी शक्तियों पर रोक लगाएंगे, अधिनियम में प्रस्तावित प्रमुख संशोधन हैं।

देश भर में 8.7 लाख से अधिक संपत्तियां, कुल मिलाकर लगभग 9.4 लाख एकड़, वक्फ बोर्ड के अधिकार क्षेत्र में हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने कहा कि इस तरह के कानून की जरूरत इसलिए पड़ी, क्योंकि मुस्लिम बुद्धिजीवियों, महिलाओं और शिया और बोहरा जैसे विभिन्न संप्रदायों के लोगों ने मौजूदा कानून में बदलाव की मांग कई बार करते रहे हैं।

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि संशोधन लाने की तैयारी 2024 के लोकसभा चुनाव से काफी पहले शुरू हो गई थी।

उन्होंने यह भी जोड़ा कि ओमान, सऊदी अरब और दूसरे इस्लामिक देशों के कानूनों पर नजर डाले तो पता चलता है कि इनमें से किसी भी देश ने एक संस्था को इतनी व्यापक शक्तियां नहीं दी हैं।

वर्ष 2013 में यूपीए सरकार के दौरान मूल अधिनियम में संशोधन लाकर वक्फ बोर्ड को और अधिक व्यापक शक्तियां प्रदान की गईं थी, जो वक्फ अधिकारियों, व्यक्तिगत संपत्ति मालिकों और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण सहित कई राज्य संस्थाओं के बीच विवाद का एक प्रमुख कारण रही हैं।

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