रांची। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के करीबी और राजनीतिक सलाहकार सुनील तिवारी और झारखंड पुलिस के जवान सचिन पाठक के खिलाफ अरगोड़ा थाने में एफआईआर दर्ज की गई है।
मामला खूंटी जिले की एक लड़की से जुड़ा है। जिसने साल 2021 में सुनील तिवारी के खिलाफ शारीरिक शोषण का मामला दर्ज कराया था।
पीड़िता ने एफआईआर में लिखा है कि सुनील तिवारी पिछले तीन साल से उसके खिलाफ साजिश रच रहे हैं।
गवाहों को धमकाने का आरोप
उसने कहा है कि सुनील तिवारी लगातार मेरे गवाहों को धमका रहे हैं। इसमें वह झारखंड पुलिस के जवान सचिन पाठक की भी मदद ले रहे हैं। सचिन पाठक मेरे गवाहों को लालच देने के साथ ही उन्हें धमका रहा है।
मेरे गवाहों को भी झूठे केस में फंसाकर जेल भेजने की धमकी दी जा रही है। एफआईआर में पीड़िता ने खुद को आर्थिक रूप से कमजोर बताया है और आर्थिक मदद की मांग की है। साथ ही उसने सुनील तिवारी और सचिन पाठक के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।
फिलहाल जमानत पर है सुनिल तिवारी
बता दें कि साल 2021 में पीड़िता ने एफआईआर दर्ज करवाया था, जिसमें लिखा था कि सुनील तिवारी ने मेरा शारीरिक, मानसिक और आर्थिक शोषण किया।
इस मामले में सुनील तिवारी को गिरफ्तार भी किया गया था। बाद में झारखण्ड हाईकोर्ट से इस शर्त पर जमानत मिली थी कि वो गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगे और पुलिस का सहयोग करेंगे।
लेकिन उनपर आरोप है कि जमानत पर रिहा होने के बाद सुनील तिवारी लगभग तीन साल से पीड़िता के विरूद्ध साजिश रच रहें हैं और झूठे मामलो में फंसाने का प्रयास कर रहें हैं।
सुनील तिवारी रांची पुलिस के एक सिपाही सचिन पाठक की मदद से गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं।
पीड़िता का आरोप है कि सुनिल तिवारी ने अपनी राजनीतिक रसूख के दम पर सिपाही सचिन का तबादला दोबारा से रांची करा दिया है।
आरोप है कि सचिन पाठक ने खूंटी के एक गवाह से भी केस को मैनेज करने के लिए संपर्क किया था।
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