बेंगलुरू। पिछले साल कम बारिश और अब पारा बढ़ने के साथ ही देश के आइटी हब और कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में पानी का संकट गहरा गया है।
लोग पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं। जल संकट के कारण स्कूल कॉलेज बंद कर दिये गये हैं। शहर की सड़कों पर पानी के टैंकर दौड़ते नजर आ रहे हैं।
मुश्किल हालात में स्कूलों को बंद कर दिया गया है और कोचिंग सेंटरों ने भी आपात स्थिति की घोषणा करते हुए वर्चुअली कक्षाएं लेने को कहा गया है।
आलम यह है कि मुख्यमंत्री सिद्दरमैया के आवास में टैंकरों से पानी की आपूर्ति हो रही है। बताते चलें कि पिछले साल अल-नीनो प्रभाव के कारण कम बारिश हुई।
इधर जैसे ही गर्मी बढ़ी, बेंगलुरु समेत पूरे कर्नाटक में जल संकट गहरा गया है। राज्य में 123 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया जा चुका है और 109 गंभीर रूप से प्रभावित हैं।
पानी की समस्या के कारण सामान्य दिनों में 700 से 800 रुपये में मिलने वाले पानी टैंकरों की कीमत 1500 से 1800 रुपये तक पहुंच गई है।
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि सैंकी झील के निकट सदाशिवनगर स्थित उनके आवास की बोरवेल पहली बार सूख गई है। उन्होंने कहा कि वह मामले को गंभीरता से ले रहे हैं।
उन्होंने शहर में पानी की मांग को पूरा करने के लिए निजी टैंकरों व निजी बोरवेल को सरकार के कब्जे में लेने की घोषणा की।
यहां तक कि दूध के टैंकरों से भी पानी की आपूर्ति की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार पानी के प्रति टैंकर की दर भी तय करने पर विचार कर रही है।
इसके लिए तालुक स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित करने और हेल्पलाइन नंबर जारी करने का भी निर्णय लिया गया है।
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