साग खाने के नुकसान
सब्जियों में साग सबसे ज्यादा फायदेमंद मानी जाती है। खास तौर पर हरी साग को तो विटामिन और प्रोटीन से भरपूर माना गया है।
साग की अलग-अलग किस्में भिन्न-भिन्न बीमारियों में दवा का काम करती हैं। इसीलिए कुछ खास तरह के साग को औषधियों से परिपूर्ण माना गया है।
खास तौर पर सर्दियों में तो शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पालक, मेथी, बथुआ और सरसो जैसे साग का काफी सेवन किया जाता है।
आयरन, प्रोटीन और पोटिशयम समेत कई औषधीय गुणों से भरपूर ये साग शरीर को कई बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं।
जैसे कहा जाता है कि गर्मिय़ों का राजा आम है, तो कह सकते हैं साग सर्दियों की रानी है। सर्दियों में बाजारों में काफी ज्यादा हरी सब्जियां मिलती है, जिसके चलते लोग इन्हें काफी मात्रा में खाते हैं।
परंतु साग कभी कभी शरीर के दुश्मन भी बन जाते हैं। खास तौर पर लोगों को साग अच्छे तरीके से धोकर खाने की सलाह दी जाती है।
ऐसा न करने पर साग में मौजूद कीट या कीड़े बीमारी का सबब बन सकते हैं। इनके कारण फंगल इंफेक्शन समेत कई तरह की गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
आज हम साग के इन नुकसानों पर ही चर्चा करेंगे।
बथुआ के साग के नुकसानः
क्या आप जानते हैं कि बथुआ साग ज्यादा खाने से आपके शरीर में कई तरह की परेशानियां पैदा हो सकती हैं।
ज्यादा बथुआ साग के नुकसानः
डायरिया
बथुआ में काफी मात्रा में ऑक्जेलिक एसिड और फाइबर पाया जाता है। इसके ज्यादा सेवन से आपको पेट में दर्द, कब्ज और डायरिया की शिकायत हो सकती है। इससे सेहत को काफी नुकसान हो सकता है।
प्रेग्नेंसी
प्रेग्नेंसी में बथुआ का ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि इसकी तासीर बेहद गर्म होती है।
अधिक बथुआ खाने से मिसकैरेज का खतरा हो सकता है। यह फर्टिलिटी को भी नुकसान पहुंचाता है।
एलर्जी
जिन लोगों की स्किन सेंसेटिव है, उन्हें भी बथुआ के सेवन से बचना चाहिए। इसे खाने से कई लोगों में स्किन एलर्जी की समस्या हो सकती है।
कैल्शियम की कमी
वैसे तो बथुआ शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होता है, लेकिन इसका ज्यादा सेवन शरीर से कैल्शियम को सोख लेता है, जिससे आपको कैल्शियम की कमी हो सकती है।
डाइजेशन
बथुआ का ज्यादा सेवन करने से आपका पाचन तंत्र बिगड़ सकता है। इसको अधिक खाने से आपको दस्त लग सकते हैं।
मेथी के साग के नुकसानः
सर्दियों के दौरान लोग मेथी, सरसों का साग जैसी कई चीजों को बड़े शौक से खाते हैं।
मेथी के साग का पराठा ठंड में खाने का अलग ही मजा है, पर क्या आप जानते हैं कि मेथी कुछ लोगों के लिए मुसीबत की वजह बन सकती है।
अब आपको बताते हैं कि किन्हें मेथी से बनी चीजें नहीं खानी चाहिए। खाने की कुछ चीजें ऐसी होती हैं, जिनके लिए लोग सर्दियों का इंतजार तक करते हैं।
इन्हीं में से एक है मेथी के पत्ते। उत्तर भारत के अधिकतर हिस्सों में लोग बड़े शौक से मेथी का साग खाते हैं।
कई जगह इसके पराठे बनाकर खाए जाते हैं। सुबह की चाय और मेथी के पराठे का कॉम्बिनेशन खाने में बेहद शानदार लगता है।
पर आपने कभी सोचा है कि मेथी के पत्तों का स्वाद कभी-कभी सेहत के लिए नुकसान की वजह बन सकता है।
मेथी में कई विटामिन और तत्व होते हैं पर कभी-कभी इसे खाने से परहेज करना चाहिए।
डायबिटीज में नुकसान
मेथी से न सिर्फ पाचन दुरुस्त रहता है, बल्कि ये शुगर लेवल को भी कंट्रोल में रखता है। शुगर के मरीज रात में मेथी दाना को भिगोकर सुबह खाली पेट इसका पानी पीते हैं।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर मेथी के दाने या साग का ज्यादा सेवन किया जाए तो शुगर लेवल तेजी से डाउन हो सकता है।
दरअसल मेथी के पोषक तत्व ब्लड शुगर को कम करते हैं इसलिए इसे लिमिट में ही खाना चाहिए।
हाई ब्लड प्रेशर वाले पेशेंट
ब्लड प्रेशर के पेशेंट के लिए मेथी को खाना खतरनाक साबित हो सकता है, क्योंकि मेथी को हद से ज्यादा खाने से शरीर में सोडियम का लेवल डाउन हो सकता है और ये गलती ब्लड प्रेशर को डाउन कर सकती है।
इसलिए अगर आप हाई बल्ड प्रेशर के मरीज हैं तो मेथी जैसी चीजों के सेवन से परहेज करें।
प्रेगनेंसी में खाने से बचें
ये कंफ्यूजन बनी रहती है कि मेथी की तासीर गर्म है या ठंडी। ज्यादातर लोगों का मानना है कि मेथी गर्म होती है इसलिए प्रेगनेंसी में इसके सेवन से बचना चाहिए।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि गर्भावस्था में इसका सेवन ज्यादा किया जाए तो ब्लड क्लॉटिंग भी हो सकती है। ठंड में भी इससे बनी चीजों को कम ही खाना चाहिए।
पाचन में दिक्कत
अगर किसी को पाचन संबंधी समस्या रहती है, तो उसे भी मेथी का साग नहीं खाना चाहिए, क्योंकि इससे गैस और बनने लगती है।
इसके अलावा सब्जी को बनाते समय इसमें हरी मिर्च का इस्तेमाल किया जाता है। जिन्हें अक्सर एसिडिटी रहती है उन्हें इस तरह के साग से दूरी बनाए रखनी चाहिए।
खाने में इस गलती के चलते सीने में जलन और बढ़ जाती है।
पालक साग के नुकसानः
पालक का सेवन शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। सर्दियों में मार्केट में पालक समेत तमाम हरी सब्जियां बिकती हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि पालक का सेवन कुछ लोगों के लिए बहुत नुकसानदायक होता है।
कुछ बीमारी और समस्या से जूझ रहे लोगों को पालक का सेवन करने से बचना चाहिए। पालक में आयरन, कैल्शियम, पोटैशियम जैसे पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में होते हैं।
इसका सेवन करने से शरीर में पोषक तत्वों की कमी से बचाव में होता है। ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने से लेकर आंखों को हेल्दी रखने के लिए पालक का सेवन बहुत फायदेमंद होता है।
लेकिन इसका सेवन कुछ लोगों को नहीं करना चाहिए। डाइटिशियनों के मुताबिक किडनी स्टोन, फूड एलर्जी और पाचन तंत्र से जुड़ी परेशानियों में पालक खाने से गंभीर नुकसान का खतरा रहता है।
इन समस्याओं में पालक खाने से शरीर पर तुरंत असर नहीं दिखता है, लेकिन कुछ समय बाद परेशानियां बढ़ने लगती हैं।
ज्यादा पालक खाने से शरीर को ये नुकसान पहुंच सकते हैः
• पालक में ऑक्जेलिक एसिड होता है, शरीर में इसकी अधिकता होने पर मिनरल्स को अवशोषित करने की क्षमता कम हो जाती है।
• बहुत ज्यादा पालक खाने से शरीर में विषाक्तता होने का खतरा रहता है।
• इसका बहुत ज्यादा सेवन करने से पाचन तंत्र से जुड़ी परेशानियों का भी खतरा रहता है।
• पालक में मौजूद हाई फाइबर कब्ज और पेट में सूजन का कारण बन सकते हैं।
• पालक में हिस्टामाइन की मात्रा होती है, इसका बहुत ज्यादा सेवन स्किन एलर्जी का कारण बन सकता है।
किन लोगों को नहीं करना चाहिए पालक का सेवन?
• अगर आप जोड़ों और हड्डियों से जुड़ी बीमारी से जूझ रहे हैं, तो पालक खाने से बचें।
इस परेशानी में पालक खाने से पालक में मौजूद प्यूरीन और ऑक्सालिक एसिड जोड़ों के दर्द और सूजन को ट्रिगर करने का काम करते हैं।
• इसके अलावा अगर आप ब्लड थिनर दवाओं का सेवन कर रहे हैं, तो पालक का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
पालक में विटामिन की अच्छी मात्रा होती है, जो ब्लड थिनर दवाओं के साथ रिएक्ट करती है।
• किडनी स्टोन की समस्या में पालक का सेवन करने से बचना चाहिए। पालक में ऑक्जेलिक एसिड की मात्रा ज्यादा होती है, जो किडनी स्टोन के मरीजों की परेशानी बढ़ाने का कारण बन सकती है।
सरसो के साग के नुकसानः
सरसों के साग में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसमें विटामिन ए, सी और के की अच्छी मात्रा पाई जाती है।
इसके अलावा साग में पौटेशियम और कैल्शियम की भी अच्छी मात्रा होती है। सरसों में एंटी-ऑक्सीडेंट्स भी होते हैं जो शरीर को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाते हैं।
लेकिन, कुछ लोगों को सरसों का साग खाने से परहेज करना चाहिए।
गैस और पेट फूलनाः
बहुत ज्यादा खाने पर ही नहीं बल्कि साग खाने पर भी पेट फूलने और पेट में गैस बनने की समस्या हो सकती है।
सरसों के साग को खासतौर से मक्के के साथ खाया जाए तो पाचन बिगड़ सकता है।
इसके अलावा, साग खाने पर कब्ज या एसिडिटी की दिक्कत हो सकती है इसीलिए जिन लोगों को पहले से ये दिक्कते हैं, उन्हें सरसों का साग खाने से परहेज के लिए कहा जाता है।
किडनी की दिक्कतेः
जिन लोगों को पहले से किडनी से जुड़ी दिक्कतें हैं, उन्हें भी सरसों का साग खाने से परहेज करना चाहिए।
वहीं, जरूरत से ज्यादा सरसों का साग खाने से भी किडनी की दिक्कतें बढ़ सकती हैं।
मेडिकेशन लेने के दौरानः
जो लोग ब्लड थिनिंग की मेडिकेशन ले रहे हैं, उन्हें खासतौर से सरसों का सेवन ना करने के लिए कहा जाता है।
सरसों के साग में विटामिन के की उच्च मात्रा पाई जाती है, जो खून से जुड़ी मेडिकेशन के साथ अच्छा असर नहीं दिखाती है।
कैसे खाएं सरसों का सागः
सरसों के साग को सादा बनाने के बजाय अलग-अलग मसालों के साथ बनाने की सलाह दी जाती है जिससे इसका बुरा असर पेट पर ना पड़े।
सरसों के साग में छोटे कीड़े हो सकती हैं इसीलिए इसे ठंडे बहते पानी से धोना चाहिए।
इसके अलावा, सरसों बनाते हुए इसमें हल्दी, जीरा, अदरक और अजवाइन डालने पर पेट खराब नहीं होता है।
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