नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने चुनाव के दौरान प्रत्येक मतदान केंद्र पर मतदाताओं को वोट डालने की अनुमति देने से पहले उनका, रक्त में एल्कोहल की मात्रा मापने वाला ‘ब्रेथलाइज़र परीक्षण’ किए जाने की मांग कर रही याचिका बुधवार को खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने याचिका खारिज करने के आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया और कहा कि यह प्रचार हित की याचिका अधिक है।
जनवाहिनी पार्टी की आंध्र प्रदेश इकाई की ओर से पेश वकील ने कहा कि चूंकि आदर्श आचार संहिता लागू है, इसलिए किसी भी मतदाता को शराब के नशे में मतदान करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
पीठ ने कहा, “यह क्या है? यह प्रचार के लिए है।
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