PLFI supremo Dinesh Gope:
रांची। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रतिबंधित माओवादी संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) के सुप्रीमो दिनेश गोप, उनकी दोनों पत्नियों शकुंतला कुमारी और हीरा देवी तथा 17 अन्य सहयोगियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। आरोप है कि दिनेश गोप और उनके सहयोगियों ने लेवी वसूली और अन्य आपराधिक गतिविधियों से 20 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति अर्जित की, जिसका उपयोग निजी लाभ और संगठन की मजबूती के लिए किया गया। सभी आरोपियों पर मनी लांड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण का आरोप भी है।
ईडी ने बताया
ईडी ने बताया कि जांच में यह सामने आया कि दिनेश गोप ने लेवी और रंगदारी के माध्यम से 20 करोड़ रुपये अर्जित किए। अब तक 3.36 करोड़ रुपये की मनी लांड्रिंग का पता चला है। गोप ने अपने सहयोगी निवेश कुमार के माध्यम से कुछ राशि को हथियार खरीदने के लिए भी खर्च किया।जांच में यह भी पता चला कि दिनेश गोप ने आपराधिक उद्योग की कमान संभाली और झारखंड सहित आस-पास के राज्यों में ठेकेदारों, व्यापारियों और ट्रांसपोर्टरों से धमकी, आगजनी और वसूली के जरिए पैसे उगाहे। उन्होंने जबरन वसूली गई नकदी को फर्जी कंपनियों के नेटवर्क में निवेश किया, जिनका संचालन उनकी पत्नियों और सहयोगी सुमंत कुमार कर रहे थे। कंपनियों में भाव्या इंजीकान प्राइवेट लिमिटेड, शिव शक्ति मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड, शक्ति समृद्धि इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड और पलक इंटरप्राइजेज शामिल हैं।एनआईए ने दिनेश गोप की पत्नियों के बैंक खातों से 19.93 लाख रुपये जब्त किए थे। इसके अलावा विभिन्न बैंक खातों में 2.5 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन पता चला।
ईडी ने रांची स्थित पीएमएलए से किया अनुरोध
ईडी ने रांची स्थित पीएमएलए की विशेष अदालत से अनुरोध किया है कि दिनेश गोप, उनकी पत्नियां और अन्य 21 आरोपितों की संपत्ति जब्त करने की अनुमति दी जाए। यह संपत्ति अपराध की आय से अर्जित की गई है और इसमें नकदी, बैंक बैलेंस, वाहन और अन्य उच्च मूल्य वाली संपत्तियां शामिल हैं।चार्जशीट में अन्य आरोपी सुमंत कुमार, विनोद कुमार, चंद्रशेखर कुमार, नंद किशोर महतो, जितेंद्र कुमार, नंदलाल स्वर्णकार, जनार्दन कुमार सोनी, विजय कुमार जालान, फुलेश्वर गोप, जयप्रकाश सिंह भुइयां, अरुण कुमार उर्फ अमित जायसवाल, अरुण गोप, रिंकियोहेन आदि शामिल हैं। सभी पर मनी लांड्रिंग और संगठन के वित्तीय लेन-देन में संलिप्त होने का आरोप है।
इस कार्रवाई से दिनेश गोप और उसके सहयोगियों के खिलाफ कानून द्वारा संपत्ति जब्त करने और आतंकवाद वित्तपोषण से जुड़े मामले में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।
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