Pollution rises ahead of Diwali:
नई दिल्ली, एजेंसियां। दिवाली आने से पहले ही दिल्ली, मुंबई और NCR के शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक सीमा तक पहुँच गया है। अक्टूबर–नवंबर में वायु प्रदूषण अपने चरम पर होता है और इस साल भी AQI 300 से 500 के पार जा चुका है। प्रदूषित हवा फेफड़ों पर सीधे असर डालती है और खांसी, गले में खराश, सांस फूलना जैसी समस्याएं बढ़ा सकती है। बच्चों और बुजुर्गों में संक्रमण का खतरा अधिक होता है और लंबे समय तक प्रदूषित हवा के संपर्क में रहने से फेफड़ों की क्षमता कमजोर हो जाती है।
फेफड़ों की सुरक्षा के उपाय
मास्क पहनें: घर से बाहर निकलने से पहले N95 या N99 मास्क का इस्तेमाल करें। ये प्रदूषक कणों को रोकने में प्रभावी होते हैं।
एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल: घर के अंदर शुद्ध हवा बनाए रखने के लिए एयर प्यूरिफायर लगाएं।
भाप लें: रोज़ाना भाप लेने से सांस की नली साफ रहती है और प्रदूषक जमने से बचता है।
प्राकृतिक एंटीऑक्सिडेंट का सेवन: तुलसी, अदरक और हल्दी जैसी चीजें शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती हैं।
संतुलित और हरा-भरा आहार: विटामिन C और E युक्त आंवला, नींबू, पालक आदि फेफड़ों को मज़बूत बनाते हैं।
प्राणायाम: अनुलोम-विलोम और कपालभाति जैसी तकनीकें फेफड़ों की क्षमता बढ़ाती हैं और शरीर को शुद्ध रखती हैं।
समय रहते ये उपाय अपनाकर आप और आपका परिवार वायु प्रदूषण के खतरों से सुरक्षित रह सकते हैं। याद रखें, गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं या किसी बीमारी की स्थिति में तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
इन आसान कदमों को अपनाकर दिवाली के उत्सव का आनंद लेते हुए भी फेफड़ों को सुरक्षित रखा जा सकता है।
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