Dhanteras 2025:
नई दिल्ली, एजेंसियां। धनतेरस 2025 के अवसर पर राजस्थान की गलियां, मंदिर और हवेलियां अपने सांस्कृतिक वैभव में डूब जाती हैं। यह सिर्फ सोना-चांदी खरीदने का दिन नहीं बल्कि धन, स्वास्थ्य और समृद्धि की देवी लक्ष्मी, कुबेर देवता और भगवान धन्वंतरि की विशेष आराधना का पर्व है। अगर आप इस अनोखी परंपरा का अनुभव करना चाहते हैं, तो 18 अक्टूबर 2025 के आसपास राजस्थान की यात्रा योजना में शामिल करना सबसे उपयुक्त रहेगा। जयपुर, नाथद्वारा, पुष्कर और उदयपुर के यात्रा मार्ग बेहद खूबसूरत और सांस्कृतिक दृष्टि से मनोरम हैं।
जयपुर
राजस्थान की राजधानी जयपुर में लक्ष्मी नारायण मंदिर (जिसे जिले बिड़ला मंदिर भी कहा जाता है) में धनतेरस की शाम ‘सुवर्ण दीपदान’ की परंपरा निभाई जाती है। यहां हजारों दीये जलाकर मां लक्ष्मी का स्वागत किया जाता है। माना जाता है कि इस दिन चांदी या पीतल के बर्तन में दीप जलाने से घर में सालभर समृद्धि बनी रहती है। जयपुर की गलियां रात में सुनहरी रोशनी से नहाकर अत्यंत मनोहारी दृश्य प्रस्तुत करती हैं।
नाथद्वारा
राजसमंद जिले के नाथद्वारा स्थित श्रीनाथजी मंदिर में धनतेरस पर चांदी के सिक्कों की आराधना की जाती है। यहां भक्त अपने पुराने सिक्कों को बदलकर नए सिक्के चढ़ाते हैं, जिन्हें आने वाले वर्ष के लिए शुभ माना जाता है। धन का अर्थ सिर्फ संपत्ति नहीं, बल्कि भक्ति और श्रद्धा भी माना जाता है।
उदयपुर
झीलों के शहर उदयपुर में धन्वंतरि भगवान की विशेष पूजा की जाती है। झील दीपोत्सव और आरोग्य पूजा का आयोजन किया जाता है, जिसमें लोग अपने परिवार के स्वास्थ्य की कामना करते हैं। पिचोला और फतेहसागर झीलों पर तैरते दीपकों का दृश्य बेहद मोहक और अद्भुत होता है।
जोधपुर
मेहरानगढ़ किले के आसपास के प्राचीन मंदिरों में कुबेर पूजन की परंपरा निभाई जाती है। पुराने समय में राजाओं ने इसी दिन राजकोष की पूजा की थी। आज भी जोधपुर के व्यापारी समुदाय नए खाते या बही खाते पूजकर “खाता पूजन” करते हैं।
पुष्कर
अजमेर जिले के पुष्कर में स्थित भगवान धन्वंतरि को समर्पित दुर्लभ मंदिर में धनतेरस पर दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। यहां आरोग्य यज्ञ और स्वास्थ्य दीपदान आयोजित होता है। माना जाता है कि इस पूजा से जीवन में स्वास्थ्य, संतुलन और समृद्धि बनी रहती है।
इस प्रकार राजस्थान के विभिन्न शहरों में धनतेरस की परंपरा न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखती है, बल्कि यह लोगों के जीवन में स्वास्थ्य, समृद्धि और खुशी का संदेश भी देती है।
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