Gaza Peace Summit:
नई दिल्ली, एजेंसियां। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मिस्र के गाजा शांति शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खुलकर तारीफ की। इस दौरान उन्होंने पीछे खड़े पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की ओर रुख करते हुए एक सवाल पूछ लिया “क्या भारत और पाकिस्तान अच्छे से एक साथ नहीं रह सकते?” ट्रंप के इस सवाल पर शहबाज शरीफ असहज और झेंपे हुए नजर आए, जबकि सम्मेलन में मौजूद प्रतिनिधि मुस्कराने लगे।
ट्रंप ने की मोदी की प्रशंसा
ट्रंप ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा शांति और स्थिरता की दिशा में मजबूत नेतृत्व दिखाया है। उन्होंने गाजा संकट के संदर्भ में भी मोदी की “संतुलित कूटनीति” की सराहना की। ट्रंप ने कहा कि भारत की भूमिका आज वैश्विक स्थिरता के केंद्र में है और वह मध्य पूर्व में भी शांति के प्रयासों में योगदान दे रहा है।
भारत-पाक संबंधों पर टिप्पणी
ट्रंप ने दोनों देशों के बीच तनाव कम करने की वकालत करते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान को बातचीत से मुद्दे सुलझाने चाहिए।
उन्होंने दावा किया कि मई 2025 में भारत-पाक सैन्य तनाव के दौरान उन्होंने युद्धविराम करवाया था, हालांकि भारत ने इस दावे को एक बार फिर स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है। भारत ने कहा कि “यह युद्धविराम किसी बाहरी मध्यस्थता का परिणाम नहीं था, बल्कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय बातचीत से हुआ था।”
भारत ने रखी स्पष्ट स्थिति
भारत ने ट्रंप के दावों और शहबाज शरीफ की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच कोई भी समझौता या वार्ता द्विपक्षीय स्तर पर ही होगी, किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं होगी। भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि शांति प्रयासों में “बाहरी दबाव या दखल की जरूरत नहीं है।”
पीएम मोदी ने सम्मेलन में नहीं लिया हिस्सा
गाजा शांति शिखर सम्मेलन मिस्र के शर्म अल-शेख में आयोजित हुआ था। पीएम मोदी को इसमें आमंत्रित किया गया था, लेकिन उन्होंने शामिल न होकर भारत की ओर से विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह को प्रतिनिधि के रूप में भेजा। भारत का रुख साफ रहा कि वह गाजा मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों और मानवतावादी दृष्टिकोण का समर्थन करता है, लेकिन अपने राष्ट्रीय हितों से समझौता नहीं करेगा।
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