IRCTC case:
पटना, एजेंसियां। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लालू परिवार के लिए कानूनी संकट गहरा गया है। दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को IRCTC घोटाला मामले में आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप तय कर दिए। अदालत ने ऐलान किया कि इस मामले की रोजाना सुनवाई 27 अक्टूबर से शुरू होगी, यानी छठ पर्व के अगले ही दिन से लालू परिवार को कोर्ट का सामना करना पड़ेगा।
अदालत ने कहा
विशेष सीबीआई न्यायाधीश विशाल गोगने ने सभी आरोपियों की उपस्थिति में आदेश सुनाया। अदालत ने कहा कि 2004 से 2009 के बीच रेलवे के बीएनआर रांची और बीएनआर पुरी होटलों के रखरखाव का ठेका निजी कंपनी सुझाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड को देने में अनियमितता और साजिश हुई थी। कोर्ट ने लालू यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(d) और 13(2) के तहत, जबकि राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत आरोप तय किए हैं।
विशेष लोक अभियोजक ने कहा
सीबीआई की ओर से विशेष लोक अभियोजक डीपी सिंह और अधिवक्ता मनु मिश्रा ने कहा कि टेंडर प्रक्रिया में लालू प्रसाद यादव ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर एक खास कंपनी को फायदा पहुंचाया। इसके बदले उन्हें बेनामी कंपनी के जरिए तीन एकड़ जमीन मिली। वहीं, बचाव पक्ष ने आरोपों को खारिज किया और कहा कि टेंडर पूरी तरह पारदर्शी था।
क्या है मामला ?
यह मामला 2004-2014 के बीच हुए कथित साजिश से जुड़ा है, जिसमें IRCTC के बीएनआर होटल पहले एजेंसी को दिए गए और बाद में सुझाता होटल्स को सौंपे गए। जुलाई 2017 में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की थी और 2018 में आरोपपत्र दाखिल किया। लालू परिवार समेत पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रेम चंद गुप्ता, IRCTC के पूर्व अधिकारी वी.के. अस्थाना, आर.के. गोयल और सुझाता होटल्स के निदेशक विजय व विनय कोचर भी आरोपी हैं।छठ के बाद से रोजाना चलने वाली सुनवाई अब बिहार चुनावी माहौल में राजनीतिक और कानूनी रूप से सबसे चर्चित ट्रायल बनने जा रही है।
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