Jharkhand Teacher Recruitment 2016:
रांची। झारखंड में स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक (TGT) नियुक्ति 2016 मामला एक बार फिर पेचीदा मोड़ पर पहुंच गया है। झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर गठित जांच आयोग के अध्यक्ष, रिटायर्ड जस्टिस एसएन पाठक ने खुद को इस मामले की जांच से अलग कर लिया है। उन्होंने 14 सितंबर को हाईकोर्ट को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि इस मामले की जांच किसी अन्य सदस्य को सौंपी जाए।
सरकार ने हाईकोर्ट आदेश को चुनौती दी
इस बीच, राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के पहले के आदेश के खिलाफ 2200 पन्नों की अपील दाखिल की है। इस अपील का उद्देश्य सरकार के अनुसार मेरिट लिस्ट में सुधार को चुनौती देना है। इससे 2034 पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में और देरी होने की संभावना बढ़ गई है। जेएसएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरेवाल ने बताया कि सरकार अपना पक्ष अदालत में मजबूती से रख रही है।
भारी विवाद और अभ्यर्थियों की नाराजगी
2016 में जेएसएससी ने हाईस्कूल टीचर के 17,786 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे। बाद में कोर्ट के आदेश पर 26 विषयों की स्टेट मेरिट लिस्ट जारी की गई, लेकिन कई ऐसे अभ्यर्थी कट ऑफ से अधिक अंक प्राप्त करने के बावजूद चयन से बाहर रह गए। इन अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और 258 याचिकाओं की सुनवाई के बाद कोर्ट ने नियुक्ति प्रक्रिया में विसंगतियों को गंभीर मानते हुए जांच आयोग का गठन किया।
अब क्या होगा?
जस्टिस पाठक के अलग होने और सरकार की अपील के बाद नियुक्ति प्रक्रिया में और समय लगने की संभावना है। आयोग के पुनर्गठन और हाईकोर्ट में लंबी अपील प्रक्रिया के कारण 2034 पदों पर शिक्षक नियुक्तियों का निष्पादन फिलहाल स्थगित रहेगा।
यह मामला झारखंड में शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया की पारदर्शिता और सरकारी निर्णयों की जांच को लेकर लंबे समय तक चर्चा में रहेगा।
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