Guwahati University:
गुवाहाटी, एजेंसियां। गुवाहाटी विश्वविद्यालय ने असम और भारत के लोकप्रिय गायक और सांस्कृतिक आइकन जुबीन गर्ग को श्रद्धांजलि देने के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं। विश्वविद्यालय ने घोषणा की है कि अब उसका प्रदर्शन कला एवं संस्कृति केंद्र जुबीन गर्ग के नाम पर नामित किया जाएगा। इसके साथ ही विश्वविद्यालय परिसर में उनकी प्रतिमा भी स्थापित की जाएगी। यह कदम उनके कला और सांस्कृतिक योगदान को याद रखने और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
गुवाहाटी विश्वविद्यालय ने यह जानकारी दी
गुवाहाटी विश्वविद्यालय ने यह जानकारी अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा की, जिसमें बताया गया कि जुबीन गर्ग को सम्मान देने के लिए कुल चार प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। इनमें उनकी रचनात्मक यात्रा और जीवन को प्रदर्शित करने वाली एक कॉफी टेबल बुक भी शामिल है। विश्वविद्यालय के इस फैसले का उद्देश्य छात्रों और युवाओं को प्रेरित करना है। इसी दिशा में विश्वविद्यालय ने इंटर-कॉलेज यूथ फेस्टिवल में होने वाली गायन प्रतियोगिता में ‘जुबीन के गाने’ नाम की नई कैटेगरी भी जोड़ी है।
जुबीन गर्ग का निधन
जुबीन गर्ग का निधन 19 सितंबर, 2025 को सिंगापुर में हुआ था। वह सिंगापुर नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल में भाग लेने गए थे, और वहां समुद्र में डूबने की घटना में उनकी आकस्मिक मृत्यु हो गई। उनके निधन के बाद असम और पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। असम के लोगों के लिए जुबीन गर्ग केवल एक गायक नहीं थे, बल्कि सांस्कृतिक प्रतीक और युवाओं के प्रेरक भी थे। उनके योगदान और लोकप्रियता को देखते हुए विश्वविद्यालय ने उनके नाम पर केंद्र और प्रतियोगिताओं की शुरुआत करने का निर्णय लिया।
23 सितंबर को गुवाहाटी के बाहरी इलाके कमरकुची में उनके पार्थिव शरीर का पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इसके बाद उनके निधन की जांच के लिए असम सरकार ने विशेष जांच दल का गठन किया। इस टीम ने नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल के आयोजकों, जुबीन के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा और संगीतकार शेखर ज्योति गोस्वामी के घरों की तलाशी भी ली। यह कदम उनके निधन के कारणों और संभावित अनियमितताओं की जांच सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया।
विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने बताया
विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने बताया कि जुबीन गर्ग का नाम और उनकी कला को हमेशा जीवित रखने के लिए यह कदम महत्वपूर्ण है। प्रदर्शन कला केंद्र में छात्रों और कलाकारों को उनके कला और संगीत से प्रेरणा लेने का अवसर मिलेगा। कॉफी टेबल बुक में उनके जीवन और संगीत यात्रा को विस्तार से प्रदर्शित किया जाएगा, जिससे आने वाली पीढ़ियां उनकी उपलब्धियों और कला को समझ सकें।
इस पहल के माध्यम से विश्वविद्यालय ने यह भी सुनिश्चित किया है कि युवा प्रतिभाओं को मंच और अवसर मिले, और वे जुबीन गर्ग जैसे प्रेरक व्यक्तित्वों से प्रेरित होकर कला और संस्कृति में योगदान दें। जुबीन गर्ग का नाम अब गुवाहाटी विश्वविद्यालय के प्रदर्शन कला एवं संस्कृति केंद्र में हमेशा यादगार बनेगा, और उनकी प्रतिमा परिसर में उनके सम्मान और याद को स्थायी रूप से बनाए रखेगी।यह निर्णय न केवल जुबीन गर्ग की याद में है, बल्कि छात्रों और कलाकारों के लिए प्रेरणा और सीख का भी प्रतीक बनेगा। विश्वविद्यालय ने यह सुनिश्चित किया है कि उनके योगदान को भविष्य की पीढ़ियों तक पहुंचाने के लिए सभी संसाधनों का प्रभावी उपयोग किया जाएगा।
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