Jisshu Sengupta:
नई दिल्ली, एजेंसियां। बॉलीवुड और बंगाली सिनेमा के जाने-माने अभिनेता जिशू सेनगुप्ता ने अपनी संघर्षमय यात्रा के बारे में खुलासा किया है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत में आर्थिक तंगी और भूख का सामना किया। कोलकाता में थिएटर कलाकार उज्ज्वल सेनगुप्ता के घर जन्मे जिशू ने बताया कि उनके परिवार के पास कई बार खाने के पैसे नहीं होते थे और छह महीने तक घर में बिजली नहीं थी। उनकी मां ने परिवार को कैंडललाइट डिनर का असली मतलब सिखाया, जबकि पिता बिलों के बोझ तले दबे रहते थे।
अभिनय की शुरुआत
अभिनय की शुरुआत 1998 में टीवी शो ‘महाप्रभु’ से हुई, जिसमें उन्हें प्रतिदिन ₹250 की मामूली फीस मिलती थी। शो की सफलता ने उन्हें बंगाल के टीवी सुपरस्टार के रूप में स्थापित किया। इसके बाद भी फिल्मों में कदम रखते समय उन्हें ‘पनौती अभिनेता’ कहा गया और उन्हें कई सालों तक छोटी भूमिकाओं और सी-ग्रेड फिल्मों में काम करना पड़ा।
उनका करियर तब बदल गया जब उन्होंने रितुपर्णो घोष की फिल्म ‘अबोहोमन’ में काम किया और आलोचकों से सराहना मिली। आज जिशू सेनगुप्ता बंगाली और बॉलीवुड सिनेमा में स्थापित अभिनेता हैं। उनके पास कोलकाता में तीन बंगले, मर्सिडीज और रेंज रोवर जैसी लग्जरी कारें हैं और वे बिजनेस क्लास में यात्रा करते हैं।
जिशू की वेब सीरी
हाल ही में जिशू वेब सीरीज ‘द ट्रायल सीजन 2’ में नजर आए, जो JioCinema पर उपलब्ध है। इसके अलावा वे कन्नड़ फिल्म ‘केडी-दि डेविल’ और प्रियदर्शन की फिल्म ‘भूत बांग्ला’ में भी काम करेंगे। जिशू की कहानी यह दिखाती है कि मेहनत, संघर्ष और धैर्य से जीवन में किसी भी कठिन दौर को पार किया जा सकता है और सफलता हासिल की जा सकती है।
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