Saudi-Pakistan defense deal 2025:
नई दिल्ली, एजेंसियां। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के दिन (17 सितंबर) पाकिस्तान और सऊदी अरब ने एक रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर कर भारत को कूटनीतिक झटका दिया है। इस समझौते के तहत अगर किसी एक देश पर हमला होता है, तो उसे दोनों देशों पर हमला माना जाएगा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने खाड़ी देश में हुई बैठक में इस डील पर साइन किए। यह समझौता ऐसे समय हुआ है जब हाल ही में भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा है और पश्चिम एशिया में भी हालात अस्थिर हैं।
भारत-सऊदी के रिश्तों में दरार का संकेत
अब तक भारत और सऊदी अरब के बीच रिश्ते मजबूत माने जाते रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अप्रैल 2016, अक्टूबर 2019 और अप्रैल 2025 में सऊदी दौरे किए थे। इन यात्राओं में ऊर्जा, स्वास्थ्य, खेल और डाक सहयोग से जुड़े कई समझौते हुए थे। यहां तक कि भारत में सऊदी निवेश से दो बड़ी तेल रिफाइनरी परियोजनाओं पर भी बातचीत हुई थी। ऐसे में सऊदी का पाकिस्तान के साथ इस तरह का सुरक्षा समझौता करना भारत के लिए अप्रत्याशित और चिंता बढ़ाने वाला कदम माना जा रहा है।
भारत ने दी संतुलित प्रतिक्रिया
पाकिस्तान-सऊदी डिफेंस डील पर भारत ने संयमित रुख अपनाया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत इस समझौते के क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन करेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और व्यापक हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
सऊदी और पाकिस्तान की यह डील न केवल दक्षिण एशिया की राजनीति को प्रभावित कर सकती है, बल्कि भारत-सऊदी संबंधों में भी तनाव ला सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह समझौता पाकिस्तान को कूटनीतिक मजबूती और सऊदी को रणनीतिक संतुलन साधने का अवसर देता है, लेकिन भारत के लिए यह एक बड़ा कूटनीतिक झटका है।
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