Finance Minister Nirmala Sitharaman:
नई दिल्ली, एजेंसियां। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय उत्पादों पर 50% टैरिफ लगाए जाने के बाद भारतीय निर्यातकों और उद्योग जगत के लिए एक नई चुनौती उत्पन्न हो गई है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि सरकार इस संकट का समाधान खोजने के लिए कई रणनीतियां बना रही है। उन्होंने भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (FIEO) के अध्यक्ष एस.सी. रल्हन के नेतृत्व में आए प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की और उनके सामने उठाए गए मुद्दों पर चर्चा की।
टैरिफ के प्रभाव पर चर्चा:
एस.सी. रल्हन ने वित्त मंत्री से कहा कि अमेरिकी टैरिफ में हुई इस अचानक बढ़ोतरी से भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता पर गंभीर असर पड़ सकता है। उनका कहना था कि इस बढ़ोतरी से भारतीय उत्पादों को वैश्विक बाजार में प्रवेश में कठिनाई का सामना करना पड़ेगा, और यह क्षेत्रीय रोजगार और विकास पर भी नकारात्मक प्रभाव डालेगा।
वित्त मंत्री का आश्वासन:
निर्मला सीतारमण ने निर्यातकों के प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि सरकार इस कठिन समय में उनके साथ मजबूती से खड़ी रहेगी। उन्होंने कहा कि निर्यातकों की समस्याओं को हल करना सरकार की प्राथमिकता है, और इसके लिए विभिन्न नीतिगत कदम जल्द ही उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा, “सरकार निर्यातकों के हितों की रक्षा करने के लिए हर संभव कदम उठाएगी।”
सरकार की नीति और रणनीति:
सीतारमण ने उद्योग जगत से अपील की कि वे इस वैश्विक चुनौतियों के बावजूद कर्मचारियों की नौकरी की सुरक्षा को सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार निर्यातकों को विस्तृत समर्थन देने के लिए तैयार है, ताकि भारत की व्यापारिक स्थिरता बनाए रखी जा सके और विकास की गति बनी रहे।
जिन क्षेत्रों पर पड़ सकता है सबसे अधिक असर:
नए अमेरिकी टैरिफ का सबसे अधिक असर श्रम-प्रधान उद्योगों पर पड़ेगा, जिनमें झींगा, परिधान, हीरे, चमड़ा, जूते-चप्पल और रत्न-आभूषण शामिल हैं। इन क्षेत्रों में निर्यात और रोजगार सृजन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है।
भारत सरकार अब इस स्थिति से निपटने के लिए वैश्विक व्यापार परिदृश्य के अनुरूप ठोस कदम उठा रही है, ताकि निर्यातकों के लिए एक सकारात्मक और स्थिर माहौल बना रहे।
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