Kedarnath:
देहरादून, एजेंसियां। केदारनाथ पैदल मार्ग पर भारी भूस्खलन के कारण करीब 800 श्रद्धालु फंस गए थे। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और पुलिस ने मिलकर इन यात्रियों को सकुशल निकाला। गुरुवार सुबह साढ़े दस बजे तक राहत कार्य जारी रहा, जिसमें अब तक 800 श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाला गया है।इस बीच लगभग 60-70 यात्री मार्ग पर रुके हुए हैं, जिनकी भी जल्द मदद की जा रही है। भारी बारिश के बावजूद प्रदेश के आपदा सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि कहीं कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है और चार धाम मार्ग ज्यादातर खुला है।
भूस्खलन के कारण
भूस्खलन के कारण सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच सड़क पर मलबा आया है, जिसे रोजाना साफ किया जा रहा है। वहीं गंगोत्री और पिथौरागढ़ के कुछ रास्ते बंद हैं, जिनके पुनः खुलने के प्रयास जारी हैं।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम
बुधवार को एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें गौरीकुंड से अस्थायी पगडंडी बनाकर 2179 यात्रियों को जंगल के रास्ते सोनप्रयाग तक सुरक्षित पहुंचाने में सफल रहीं। इनमें 1679 पुरुष, 414 महिलाएं और 47 बच्चे शामिल थे।

62 सड़कें भी बंद
आज सुबह लगभग 200 श्रद्धालु केदारनाथ के दर्शन कर सुरक्षित लौटे हैं। यात्रा मार्ग पर भूस्खलन और मलबा आने के कारण रुद्रप्रयाग-केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग गौरीकुण्ड व सोनप्रयाग के बीच बंद है। इसके अलावा प्रदेश में 62 सड़कें बंद हैं, जिनमें एक राष्ट्रीय और दो राज्य मार्ग शामिल हैं।प्रदेश सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और यात्रियों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठा रहे हैं।
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