रांची। झारखंड की राजधानी रांची के पंडरा थाने में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां ईडी की चार्जशीट में नाम न आने के लिए पैसे की लेनदेन का मामला दर्ज हुआ है।
इस मामले में पैसे देने और लेने वाले दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए हैं। एक पक्ष के संजीव कुमार ने एक वकील पर पैसे ऐंठने का आरोप लगाया है।
वहीं, दूसरी ओर वकील सुजीत कुमार ने संजीव कुमार और उनके साथियों पर अपहरण और मारपीट का आरोप लगाया है।
ऐसे हुआ मामले का खुलासा
जानकारी के मुताबिक, ईडी की चार्जशीट में नाम न आने के लिए एक पक्ष द्वारा 70 लाख रुपये दिए गए थे। साथ ही, रांची के कई सीईओ द्वारा भी करोड़ों रुपए दिए जाने की खबर है।
लेकिन, करोड़ों रुपये देने के बावजूद ईडी की चार्जशीट में नाम आने के बाद मामला बिगड़ गया और पैसे वापस मांगे जाने लगे। इसके बाद दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाते हुए थाने में FIR दर्ज कराई है।
पैसा देने के बाद भी ईडी की चार्जशीट में आ गया नामः
सूत्रों के मुताबिक, पैसे देने के बाद भी जब ईडी की चार्जशीट में नाम आ गया तो संजीव कुमार ने संजीत कुमार से पैसे वापस मांगे। जिस पर वकील ने पैसे न होने के एवज में 54 चेक काट कर दे दिए। साथ ही, अपनी गाड़ी भी पैसे के बदले दे दी और एक एग्रीमेंट बनाया।
यह सारी घटना 2 अक्टूबर को हुई। उसके बाद 3 तारीख को वकील संजीत कुमार पंडरा थाने पहुंचे और उन्होंने संजीव कुमार और अन्य लोगों पर अपहरण और मारपीट का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया।
7 करोड़ वसूले गए?
जानकारी के अनुसार, रांची के कई सीईओ से ईडी में नाम न आने के एवज में लगभग 7 करोड़ रुपए वसूले जाने की खबर है। वहीं, संजीव कुमार ने भी इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई है।
इस तरह दोनों पक्षों की ओर से पंडरा थाने में मामला दर्ज किया गया है। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। और कुछ भी कहने से बच रही है।
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