नयी दिल्ली: निर्वाचन आयोग सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव और चार राज्यों के विधानसभा चुनावों में राज्य पुलिस बलों के साथ-साथ 3.4 लाख केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के कर्मियों की तैनाती कर सकता है।
अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। पश्चिम बंगाल में सीएपीएफ के अधिकतम 92,000 कर्मियों को तैनात किए जाने की संभावना है, जहां सात चरणों में चुनाव होंगे।
आतंकवाद प्रभावित जम्मू-कश्मीर में 63,500 कर्मियों को तैनात किया जाएगा, जहां पांच चरणों में मतदान होगा। नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ में 36,000 जवान तैनात किए जाएंगे, जहां तीन चरणों में मतदान होगा।
मामले से अवगत एक अधिकारी ने बताया कि निर्वाचन आयोग ने राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के अनुरोध पर विचार किया है और स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए चरणबद्ध तरीके से सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में सीएपीएफ की अधिकतम 3,400 कंपनियों को तैनात करने का फैसला किया है। एक सीएपीएफ कंपनी में लगभग 100 कर्मी शामिल होते हैं।
आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम में विधानसभा चुनाव भी लोकसभा चुनाव के साथ ही होंगे।
अधिकारी ने बताया कि पश्चिम बंगाल में चरणबद्ध तरीके से सीएपीएफ की अधिकतम 920 कंपनियां तैनात किए जाने की उम्मीद है, इसके बाद जम्मू-कश्मीर में 635 कंपनियां, छत्तीसगढ़ में 360 कंपनियां, बिहार में 295 कंपनियां, उत्तर प्रदेश में 252 कंपनियां और आंध्र में 250 कंपनियां तैनात की जाएंगी।
सीएपीएफ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) शामिल हैं।
सभी सीएपीएफ की संयुक्त ताकत लगभग 10 लाख कर्मियों की है। कई अन्य राज्यों में जहां बड़ी संख्या में सीएपीएफ को तैनात किए जाने की उम्मीद है।
गुजरात, मणिपुर, राजस्थान और तमिलनाडु में प्रत्येक में 200 कंपनियां, ओडिशा में 175 कंपनियां, असम और तेलंगाना में से प्रत्येक में 160 कंपनियां, महाराष्ट्र में 150 और मध्य प्रदेश में 113 कंपनियां तैनाती की जाएंगी।
जिन बलों को पश्चिम बंगाल, वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों और जम्मू-कश्मीर में तैनात किया जाएगा, वे पहले ही अपने-अपने गंतव्य पर पहुंच चुके हैं।
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