ED’s major operation:
नई दिल्ली, एजेंसियां। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कोलकाता जोन के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए मेसर्स एलएफएस ब्रोकिंग प्राइवेट लिमिटेड और उसकी संबंधित कंपनियों तथा सैयद जियाजुर रहमान समेत कई लोगों के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत जांच की। इस कार्रवाई में 155 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की 212 अचल संपत्तियों को अनंतिम रूप से कुर्क किया गया। कुर्क की गई संपत्तियों में पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों के जमीन के टुकड़े, अपार्टमेंट, होटल, रिसॉर्ट और फैक्ट्री प्लॉट शामिल हैं।
जांच में क्या आया सामने
जांच में सामने आया कि आरोपी व्यक्तियों ने निवेशकों से 1600 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की। उन्होंने उच्च रिटर्न के झूठे वादों के जरिए निवेशकों को भ्रमित किया और उनके फंड को विभिन्न संस्थाओं में डायवर्ट किया। ED की जांच में पता चला कि सैयद जियाजुर रहमान, दिलीप कुमार मैती, मोहम्मद अनारुल इस्लाम और उनके सहयोगियों ने सेबी में पंजीकृत एलएफएस ब्रोकिंग प्राइवेट लिमिटेड के नाम का गलत इस्तेमाल करते हुए अवैध निवेश योजनाएं संचालित कीं।
आरोपियों ने निवेशकों को यह विश्वास दिलाया
आरोपियों ने निवेशकों को यह विश्वास दिलाया कि वे सेबी-पंजीकृत कंपनी में निवेश कर रहे हैं, जबकि असल में धन एलएफएस ब्रोकिंग और अन्य समान नाम वाली फर्मों में डायवर्ट किया गया। ED ने इससे पहले मामले में छह आरोपियों, जिसमें मुख्य मास्टरमाइंड सैयद जियाजुर रहमान शामिल हैं, को गिरफ्तार किया था। ये आरोपी वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं।
इस मामले में पश्चिम बंगाल, गुजरात, महाराष्ट्र और ओडिशा में कई FIR दर्ज हैं। ED ने 10 आरोपियों के खिलाफ विशेष न्यायालय, कोलकाता में अभियोजन शिकायत भी दायर की है। इस कार्रवाई से निवेशकों के फंड की रिकवरी और धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की उम्मीद है।
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