Divya Deshmukh:
नई दिल्ली,, एजेंसियां। भारत की उभरती हुई शतरंज खिलाड़ी दिव्या देशमुख ने फिडे विमेंस वर्ल्ड कप 2025 जीतकर इतिहास रच दिया है। नागपुर की 19 वर्षीय दिव्या ने वर्ल्ड रैपिड चैंपियन और अनुभवी खिलाड़ी कोनेरू हंपी को रोमांचक टाईब्रेकर मुकाबले में हराकर न सिर्फ यह प्रतिष्ठित खिताब जीता, बल्कि ग्रैंडमास्टर (GM) बनने का गौरव भी हासिल कर लिया। वह ग्रैंडमास्टर बनने वाली चौथी भारतीय महिला बन गई हैं।
सात साल की उम्र से शुरू की शतरंज खेलना
दिव्या ने सात साल की उम्र से शतरंज खेलना शुरू किया था और कम उम्र में ही उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिताब जीतकर खुद को साबित किया है। टूर्नामेंट की शुरुआत में वह ग्रैंडमास्टर नहीं थीं, लेकिन खिताबी जीत के साथ यह सपना भी पूरा हो गया।फाइनल में दोनों क्लासिकल मैच ड्रॉ रहे, जिसके बाद टाईब्रेकर खेला गया। दिव्या ने पहले टाईब्रेकर गेम में सफेद मोहरों से हंपी को ड्रॉ पर रोका और दूसरे गेम में काले मोहरों से शानदार जीत दर्ज की।
दिव्या की यह जीत
दिव्या की यह जीत सिर्फ एक खिताब से कहीं ज्यादा मायने रखती है। उन्होंने वर्ल्ड कप जीतकर अगले साल होने वाले कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए भी क्वालिफाई कर लिया है। अगर वह वह टूर्नामेंट जीतती हैं, तो उन्हें मौजूदा विश्व चैंपियन जू वेंजुन को टक्कर देने का मौका मिलेगा।पूर्व कोच श्रीनाथ नारायणन ने दिव्या की तुलना एमएस धोनी से करते हुए कहा कि वह मुश्किल हालात में बेहद संयमित रहती हैं और दबाव में भी जीत का रास्ता खोज लेती हैं।
दिव्या की यह ऐतिहासिक जीत भारतीय शतरंज के लिए स्वर्णिम युग की पुष्टि करती है। उनकी सफलता ने यह दिखा दिया है कि भारत अब शतरंज की दुनिया में अग्रणी राष्ट्र बनने की राह पर है।
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