रांची। Ranchi Cyber Crime News फेसबुक पर रील्स देखते हुए एक शख्स के खाते से डेढ़ करोड़ रुपये निकल गये।
यह वाकया रांची का ही है। रांची के एक व्यवसायी के पास फेसबुक पर रील्स देखते समय एक लिंक आया। जिसपर क्लिक कर उसने ऐप डाउनलोड किया और ठगों के जाल में फंस गयें।
और ऐसे फंसे कि उनके खाते से 1.40 करोड़ रुपये उड़ गए। हालांकि रांची पुलिस और साइबर सेल ने त्वरित कार्रवाई की और पीड़ित के खाते में 20 लाख 62 हजार 376 रुपये वापस करा दिये।
इतना ही नहीं, एक साइबर ठग को तेलंगाना से गिरफ्तार भी कर लिया। ठगों ने निवेश के नाम पर झांसा देकर व्यवसायी से ये ठगी की थी।
यह बार-बार कहा जाता है कि इंस्टाग्राम, फेसबुक, वॉट्सऐप पर वीडियो या रील्स देखते समय या मेल, एसएमएस अथवा वॉट्सऐप के माध्यम से आने वाले लिंक पर आंख मूंद कर भरोंसा कर क्लिक करने पर आप साइबर ठगी का शिकार हो सकते हैं।
साइबर ठग अलग-अलग तरीके से लोगों को झांसे में लेकर ऐसे लिंक भेजते हैं और ठगी के लिए बनाई गई वेबसाइटों तथा मोबाइल एप के माध्यम से चूना लगा देते हैं।
रांची के वाटर सप्लाई व्यवसायी गुरविंदर सिंह भी इसी तरह की ठगी का शिकार हुए। साइबर अपराधियों ने निवेश के नाम पर झांसा देकर उनसे 1.40 करोड़ रुपये ठग लिए।
सीआइडी, झारखंड के अधीन संचालित रांची साइबर अपराध थाने की पुलिस ने इस मामले में तेलंगाना जाकर एक आरोपित को गिरफ्तार किया है।
कई बार दुबई जा चुका है आरोपी
गिरफ्तार आरोपित का नाम मकिरेड्डी सुजीत कुमार है। वह तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले में सरूरनगर थाना क्षेत्र के भाग्यनगर कालोनी का रहने वाला है।
जांच के दौरान सुजीत कुमार का साइबर अपराध में दुबई कनेक्शन सामने आया है। वह हैदराबाद से दुबई आता-जाता रहा है। उसने दुबई में रहकर भी साइबर अपराध की घटनाओं को अंजाम दिया है।
इस मामले में साइबर अपराध थाना रांची की पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पीड़ित व्यवसायी गुरविंदर सिंह ने खाते में 20 लाख 62 हजार 376 रुपये वापस करा दिए हैं।
शेष राशि की वापसी के भी प्रयास किए जा रहे हैं। गुरविंदर सिंह ने इस मामले में रांची के साइबर अपराध थाने में साइबर अपराध की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
ऐसे की गई ठगी
प्राथमिकी में उन्होंने कहा है कि फेसबुक पर रील्स देखते समय उनके फोन पर एक लिंक आया इसी बीच एक लिंक दिखा, जिसमें ट्रेडिंग के माध्यम से भारी मुनाफा कमाने की बात लिखी हुई थी।
इसके प्रलोभन में आकर उन्होंने लिंक पर क्लिक किया, जिससे उनके मोबाइल में अपोलो ग्लोबल मैनेजमेंट नामक एक एप डाउनलोड हुआ।
इसपर उन्होंने रजिस्टर किया। इसके बाद उनके पास एक व्यक्ति का फोन आया, जिसने खुद को कंपनी का कस्टमर केयर अधिकारी बताया और आगे की प्रक्रिया बताई।
उसने वाट्सएप पर संपर्क कर अलग-अलग बैंक अकाउंट में पैसे डालकर निवेश करने का प्रलोभन दिया।
उक्त व्यक्ति के कहे अनुसार, उन्होंने अलग-अलग बैंक अकाउंट में पैसे डाले, जो एप में उनके रजिस्टर्ड एकाउंट में क्रेडिट होता दिखाई देता था।
कुछ दिनों बाद साइबर अपराधियों ने उनके बैंक खाते से गलत तरीके से 1.40 करोड़ रुपये का अवैध तरीके से हस्तांतरण कर कर लिया।
दुबई से जुड़ा गिरोह का कनेक्शन
साइबर अपराध थाने की पुलिस को उसके दुबई व हैदराबाद के साथियों की भी जानकारी मिली है, जिनकी तलाश चल रही है।
जांच के क्रम में इस कांड में प्रयुक्त विभिन्न प्रोपराइटरशिप फर्म के नाम पर बने कारपोरेट बैंक अकाउंट के ट्रांजेक्शन के आइपी का सर्वर दुबई में पाया गया।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के इंडियन साइबर क्राइम को-आर्डिनेशन सेंटर व तेलंगाना पुलिस के सहयोग से रांची पुलिस ने साइबर ठग को गिरफ्तार कर लिया।
20 दिन में 4.60 करोड़ हुए जमा, 94 मामले दर्ज
साइबर अपराध थाने की पुलिस ने छानबीन की तो एक फर्म अपोलो इंटरप्राइजेज के स्टेट बैंक आफ इंडिया के खाता 42816837564 के विरुद्ध 94 शिकायतें दर्ज मिलीं।
इसकी जानकारी नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल के माध्यम से मिली। यह भी पता चला कि इस खाते में 20 दिनों के भीतर कुल चार करोड़ 60 लाख 84 हजार 942 रुपये जमा हुए हैं।
इस खाते के विरुद्ध आंध्र प्रदेश में छह, असम में एक, गुजरात में पांच, हरियाणा में चार, केरल में तीन, कर्नाटक में सात, महाराष्ट्र में 14, पंजाब में दो, राजस्थान में चार, तमिलनाडु में तीन, उत्तर प्रदेश में सात, पश्चिम बंगाल में 12, छत्तीसगढ़ में नौ, उत्तराखंड में दो, तेलंगाना में दस, हिमांचल प्रदेश में एक, ओडिशा में एक व झारखंड में 3 मामले यानी कुल 94 मामले दर्ज हैं।
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