पटना, एजेंसियां। साइबर अपराधी नए-नए पैंतरे आजमा रहे हैं। अब साइबर अपराधी लोगों को टेलीग्राम के घोस्ट ग्रुप में जोड़कर शिकार बना रहे हैं। शातिर अपराधी पहले रॉयलिटी इनकम या अन्य आकर्षक प्रलोभन देते हैं, फिर खाते का डिटेल लेने के बाद कुछ पैसे भेजते हैं। एक बार खाते का विवरण मिलने के बाद, पैसे गायब करने की साजिश शुरू हो जाती है।
लिंक पर क्लिक करते ही एकाउंट हो जाता है खालीः
इन अपराधियों द्वारा भेजे गए लिंक पर क्लिक करते ही मोबाइल या कंप्यूटर का पूरा एक्सेस उनके पास चला जाता है। फिर वे नेट बैंकिंग और यूपीआई के सेटअप को रिसेट कर देते हैं और ओटीपी भी आसानी से प्राप्त कर लेते हैं। इसके बाद, वे पैसे की निकासी करते हैं और उस नंबर को ब्लॉक या ब्लैकलिस्ट कर देते हैं, ताकि वे ट्रेस नहीं हो सकें। हाल ही में साइबर क्राइम पोर्टल पर घोस्ट ग्रुप में जोड़ने और फ्रॉड की घटनाओं की शिकायतं बढ़ी हैं।
ऐसे फंसा रहे लोगों कोः
दामुचक निवासी रिटायर शिक्षक जितेंद्र कुमार के मोबाइल पर नोटिफिकेशन आया कि उनका नंबर एक अनजान ग्रुप में जोड़ दिया गया है। इस ग्रुप में पहले से 1300 से अधिक सदस्य थे। जितेंद्र कुमार के जुड़ने के बाद ग्रुप में लगातार पैसे प्राप्त होने के स्क्रीनशॉट आने लगे।
इसके बाद एक ठग ने उन्हें मैसेज किया कि यदि वे निवेश करेंगे तो रकम एक दिन में दोगुनी हो जाएगी। शुरू में उन्हें 1000 रुपये निवेश करने का लालच दिया गया, और कुछ देर बाद ही 2000 रुपये उनके खाते में लौटा दिए गए। इस लालच में फंसकर उन्होंने 55,000 रुपये निवेश कर दिए, लेकिन इसके बाद उनका नंबर ब्लॉक कर दिया गया।
तेजी से बढ़ रहे मामलेः
इस प्रकार की ठगी की शिकायतें साइबर क्राइम पोर्टल पर बढ़ रही हैं। फरवरी माह में इस प्रकार के आधा दर्जन से अधिक मामले सामने आए हैं। एलएस कॉलेज में पढ़ाई करने वाले एक छात्र और उनके परिवार के चार सदस्यों को भी इसी घोस्ट ग्रुप में जोड़कर ठगी की गई है।
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