पटना, एजेंसियां। बिहार विधानसभा में गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गुस्सा उस वक्त फूट पड़ा जब सदन में एक सदस्य द्वारा मोबाइल का उपयोग किया जा रहा था। प्रश्नकाल के दौरान जब राजद विधायक कृष्ण मोहन उर्फ सुदय यादव ने सदन में मोबाइल लेकर सवाल पूछा, तो मुख्यमंत्री ने इस पर गहरी आपत्ति जताई और इसे लेकर सख्त रुख अपनाया।
नीतीश कुमार ने कहा कि यह पहले से ही प्रतिबंधित है, और किसी को भी सदन में मोबाइल का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
बोले नीतीश-मोबाइल वालों को बाहर निकाला जाए
सीएम नीतीश कुमार ने स्पीकर नंद किशोर यादव से अनुरोध किया कि जो सदस्य मोबाइल लेकर आएं, उन्हें तुरंत सदन से बाहर निकाल दिया जाए। उन्होंने कहा कि पहले हम देखते थे कि लोग मोबाइल लेकर आते थे और गड़बड़ी करने की कोशिश करते थे।
2019 में मैंने इसे महसूस किया और यह मान लिया कि कुछ गड़बड़ हो सकती है, इसलिए इसे छोड़ दिया। अब अगर कोई मोबाइल लेकर आता है तो यह हमें स्वीकार्य नहीं है।
पहले से ही सदन में है मोबाइल पर प्रतिबंध
नीतीश कुमार ने आगे कहा कि सदन में मोबाइल का उपयोग करना पहले से प्रतिबंधित किया गया था, इसके बावजूद कुछ लोग इसका उल्लंघन कर रहे हैं। सदन में इस तरह के गड़बड़ करने वालों को मैं साफ कहता हूं कि वे अपनी बात मोबाइल देखकर नहीं बोलें। अगर यही हाल रहा तो 10 साल में धरती खत्म हो जाएगी।
सीएम का यह बयान विधानसभा में माहौल को थोड़ा तंग कर दिया। उनका गुस्सा साफ तौर पर यह दर्शाता है कि वह विधानसभा की कार्यवाही में अनुशासन को बनाए रखने के पक्षधर हैं।
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